सितंबर माह के त्योहार

भारत को विशेष रुप से त्योहारों की भूमि के रूप में जाना जाता है। यह एक ऐसा देश है जहां आप पूरे साल विभिन्न धर्मों, विभिन्न समुदायों के विभिन्न त्यौहारों का जश्न एक साथ मिलकर मना सकते हैं। यहां साल के प्रत्येक दिन कोई ना कोई त्यौहोर किसी ना किसी राज्य में मनाया जा रहा होता है। भारत में साल के 365 दिन 12 महीनें त्यौहार मनाए जाते हैं।हिन्दूमुस्लिमसिखईसाईपारसीसिंधीबौद्ध एवं जैन धर्म जैसे अनेकों धर्मों के त्यौहार यहां मनाए जाते हैं। यही कारण है कि भारत को एक धर्मनिरपेक्ष देश के रुप में पहचाना जाता है। भारत में कई धार्मिक, पारंपरिक, समाजिक एवं राष्ट्रीय त्यौहार मनाए जाते हैं जिनका अपना-अपना महत्व है। यहां के प्रत्येक त्यौहार के पीछे एक विशेष कथा एवं एक कारण छिपा होता जो उसकी महत्वता को प्रदर्शित करता है। 

भारत के हिन्दू धर्म के अनुसार महीनों के विभिन्न नाम एवं उनका अपना-अपना महत्व है। भारत के प्रत्येक माह की तरह सितंबर के महीने में भी कई त्यौहार मनाए जाते हैं। हिन्दू पंचांग के अनुसार छठा माह भाद्रपद (भादौ) का महीना कहलाता है। यह चातुर्मास के चार पवित्र महीनों में दूसरा माह भी है। हिन्दू पंचाग का भाद्रपद महीना भादौ, भादवा या भाद्र के नाम से भी जाना जाता है। इस महीने की पूर्णिमा पर पूर्वा या उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में चंद्रमा होता है। इस योग के बनने से इस माह का नाम भाद्रपद है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह साल का नौवां महीना होता है। जिसे सितंबर के नाम से जाना जाता है। इसी महीने मे आश्विन का महीना भी शुरु होगा। भारत में इस पवित्र महीने में कई महत्वपूर्ण त्यौहार, व्रत एवं उपवास किए जाते हैं। भाद्रपद के महीने की शुरुआत में ही हरितालिका तीज, गणेश चतुर्थी जैसे धार्मिक त्यौहारों का उत्सव मनाया जाएगा। जिसमें हिन्दुओं के प्रमुख भगवान शिव और भगवान गणेश का जन्मदिवस मनाया जाएगा। इसके साथ ही इस महीने शिक्षकों को समर्पित दिवस शिक्षक दिवस यानि टीचर्स डे भी प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को मनाया जाता है। पितरों का तर्पण करने का महीना भी भाद्रपद का महीना होता है। इस माह में पितृ पक्ष का भी आगाज होगा। इसके साथ ही महानवरात्रि का पर्व भी इस माह में आरंभ होगा। नवरात्रि जिसमें देवी दुर्गा के नौ रुपों की नौ दिनों तक पूजा की जाती है इसका आयोजन किया जाएगा। इसके साथ ही इस माह में मुस्लिम समुदाय का त्यौहार मुहर्रम भी मनाया जाएगा। सिंतबर के माह में कई त्योहार मनाए जाएगें इन त्योहारों की अधिक जानकारी नीचे दी गई है।

हरतालिका तीज - 1 सितंबर

हरियाली तीज

भाद्रपद मास में आने वाला सर्वप्रथम पर्व हरितालिका तीज है। भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरितालिका तीज मनाई जाती है। दरअसल इस दिन हस्त नक्षत्र में भगवान शिव और माता पार्वती के पूजन का विशेष महत्व है। पौराणिक कथा के अनुसार इस व्रत को सबसे पहले माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए किया था। हरतालिका तीज का व्रत कुमारी और सौभाग्यवती स्त्रियां करती हैं। यह व्रत विशेष रुप से बिहार और नेपाल में किया जाता है। महिलाएं इस दिन पूरा श्रृंगार करके भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं।


ओणम - 1 से 11 सितंबर

ओणम

केरल के मलयाली लोगों का सबसे बड़ा त्योहार ओणम होता है । केले के पत्तों पर रख कर परोसे जाने वाले कई पकवान इस तरह की सुगंध वातावरण में फैलाते हैं, कि हर कोई मंत्रमुग्ध हो जाता है। इस दिन घरों को फूलों से सजाया जाता है और तरह-तरह के पकवान बनाए जाते हैं। दस दिन तक चलने वाले इस त्‍योहार का मुख्‍य आकर्षण घर की सजावट और खानपान होता है। ओणम की खास बात ये है कि ये घर में सादगी से मनाया जाता है। देवी देवताओं की पूजा की जाती है और पारंपरिक नृत्य किया जाता है। ओणम के दिन बोट रेस भी की जाती है।


गणेश चतुर्थी - 2 सितंबर

 गणेश चतुर्थी

भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थ तिथि को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा, उपवास व आराधना का शुभ कार्य किया जाता है। पूरे दिन उपवास रख श्री गणेश को लड्डूओं का भोग लगाया जाता है। प्राचीन काल में इस दिन लड्डूओं की वर्षा की जाती थी, जिसे लोग प्रसाद के रूप में लूट कर खाया जाता था। भगवान गणेश के मंदिरों में इस दिन विशेष धूमधाम रहती है। गणेश चतुर्थी का त्यौहार विशेष रुप से महाराष्ट्र में मनाया जाता है। इस दिन महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी की धूम रहती है। भक्त भगवान गणेश की मूर्तियों की स्थापना बाजे और नाच-गान के साथ करते हैं। गणेश चतुर्थी पर विशेष पंडालों का आयोजन किया जाता है। चारों और गणपति बप्पा मोरया के जयकारे लगाए जाते हैं। कहा जाता है कि गणेश चतुर्थी को चन्द्र दर्शन नहीं करने चाहिए। विशेष कर इस दिन उपवास रखने वाले उपासकों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए, अन्यथा उपवास का पुण्य प्राप्त नहीं होता है।

शिक्षक दिवस - 5 सितंबर

शिक्षक दिवस

सिंतबर माह की शुरुआत में राष्ट्रीय त्यौहार शिक्षक दिवस यानि टीचर्स डे 5 सिंतबर को मनाया जाएगा। यह एक ऐसा दिवस है जिस दिन शिक्षा देने वाले अध्यापकों एवं गुरुओं को सम्मानित कर उनका शुक्रिया अदा किया जाता है। शिक्षक दिवस की शुरुआत डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस के सम्मान के रुप में की गई थी। उनके जन्मदिवस को ही शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है। इस दिन विद्यालयों में बच्चे अपने-अपने पंसदीदा अध्यापकों का रुप धारण कर आते हैं और अपनी से छोटी क्लास के बच्चों को पढ़ाते हैं। यह एक बहुत ही खास दिन है। इस दिन, दुनिया भर के छात्र स्कूलों और अन्य संस्थानों में उनके प्रतिभा प्रदर्शन जैसी कई गतिविधियों का आयोजन करके अपने प्रिय शिक्षकों का सम्मान करते हैं। गुरुओं के प्रति सम्मान और प्यार दिखाने के लिए इस दिन आमतौर पर कार्ड और उपहार का आदान-प्रदान किया जाता है। यह दिन शिक्षकों के सम्मान के रुप में समर्पित है।

ऋषि पंचमी - 17 सितंबर


ऋषि पंचमी
भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ऋषि पंचमी व्रत किया जाता है। इस दिन सप्त ऋषियों की पूजा की जाती है। सप्तऋषि सात ज्ञानी ऋषियों का समूह था जिन्होंने लोगों को अच्छाई और धर्म की राह दिखाई। ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने अपना ज्ञान लोगों में बाँटा ताकि लोग धर्म का रास्ता अपनाएँ और प्रबुद्ध हो जाएँ। कहा जाता है कि ऋषि पंचमी के दिन व्रत रखने से मनुष्य के पूर्वजन्म के पाप मिट जाते हैं। सात ऋषियों के नाम कश्यप, अत्रि, भारद्वाज, विश्वामित्र, गौतम, वशिष्ठ, जमदग्नि है। 


बाबा रामदेव जयंती – 8 सितंबर

बाबा रामदेव जयंती

सितंबर माह में रामदेव बाबा की जंयती मनाई जाएगी। वह 1409 में रूणीचा के शासक अजमलजी के घर अवतरित हुए थे। बाबा का संबंध भले ही राजाओं के परिवार से रहा हो, लेकिन उन्होंने अपना पूरा जीवन लोगों की भलाई और गरीबों की सहायता में ही लगा दिया। बाबा रामदेव ने ही सबसे पहले छुआछूत का विरोध किया था। 


मुहर्रम- 10 सितंबर

मुहर्रम

सिंतबर माह में मुहर्रम का त्यौहार 10 सितंबर को मनाया जाएगा। इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना मुहर्रम का होता है। इस दिन सभी शिया मुस्लिम शोक मनाते हैं। मुहर्रम के महीने के पहले दिन ही शोक शुरू हो जाता है। मुहर्रम के दस दिनों तक शोक मनाया जाता है और रोजा रखा जाता है। अंतिम दिन ताजिया निकाला जाता है। ताजिये के साथ साथ एक जुलूस निकलता है, जिसमें लोग खुद पीट पीटकर दु:ख मनाते हैं। इस वक्त इस्लाम के पैगंबर मोहम्मद साहब के छोटे नवासे (नाती) इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत हुई थी। अल्लाह के रसूल हजरत मुहम्मद (सल्ल.) ने इस मास को अल्लाह का महीना कहा है। भारत में हैदराबाद, लखनऊ में काफी बड़े जुलूस निकाले जाते हैं। कई तरह के ताजिया निकाले जाते हैं।


अनन्त चतुर्दशी – 12 सितंबर

अनन्त चतुर्दशी

भाद्रपद माह में आने अनन्त चतुर्दशी का प्रसिद्ध त्यौहार भी मनाया जाता है। इस दिन को गणेश विसर्जन के रुप में भी जाना जाता है। गणेश चतुर्थी पर घर लाए गणेश की प्रतिमा का पानी में विसर्जन किया जाता है। साथ ही भाद्रपद चतुर्दशी तिथि, शुक्ल पक्ष, पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र में यह उपवास पर्व इस वर्ष मनाया जाता है। इस पर्व में दिन में एक बार भोजन किया जाता है। यह पर्व भगवान विष्णु के अनन्त स्वरूप पर आधारित है। इस दिन “ऊँ अनन्ताय नम:’ का जाप करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते है।


पितृ पक्ष – 13 से 28 सितंबर

पितृ पक्ष

भाद्रपद यानि सितंबर के महीने में पितृ पक्ष का आरंभ होगा। पितृ पक्ष 13 सितंबर से शुरु होगा। पितृ पक्ष पूर्वजों का तर्पण होता है जिसके तहत मरे हुए पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए इन दिनों में विशेष पूजा-पाठ किए जाते हैं। श्राद्ध का मतलब श्रद्धा होता है। अपने पूर्वजों का श्रद्धापूर्वक सम्मान करना ही श्राद्ध होता है। श्राद्ध के वक्त लोग ब्राह्मणों को भोजन कराने के साथ साथ दान और भंडारे भी करते हैं। इन दिनों में विशेष रुप से बिहार स्थित गया में पित्तरों का तर्पण करना बहुत शुभ माना जाता है यहां तर्पण करने से सीधा मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है।


भाद्रपद पूर्णिमा – 14 सितंबर

भाद्रपद पूर्णिमा

भाद्रपद महीने में भाद्रपद पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है। इस वर्ष 14 सितंबर को मनाई जाएगी। इस दिन विशेष रुप से गुजरात में माता अंबाजी का मेला लगता है। उनके जयकारे लगाए जाते है है। इस पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस दिन सत्यनारायण भगवान जी की पूजा अर्चना होती है, व्रत किया जाता है और प्रसाद चढ़ाया जाता है। माना जाता है कि जिसने भी ये पूजा कर ली उसके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। घर में धन धान्य आता है और मान सम्मान बढ़ता है।


नवरात्रि - 29 सितंबर से 7 अक्टूबर तक

नवरात्रि

सितंबर माह में नवरात्रि का महापर्व भी मनाया जाएगा। नवरात्रि के नौ रातों में तीन देवियों - महालक्ष्मी, महासरस्वती या सरस्वती और दुर्गा के नौ स्वरुपों की पूजा होती है जिन्हें नवदुर्गा कहते हैं। दुर्गा का मतलब जीवन के दुख कॊ हटाने वाली होता है। 9 दिन तक भक्त व्रत रखते हैं और माता की चौकी सजा कर रोज वहां पूजा अर्चना करते हैं। 9 दिन तक भक्त सिर्फ फलाहार (फल, आलू, दूध आदि) ही खाते हैं और अन्न से दूर रहते हैं। अधिकतर जगह 9 दिन तक माता के जगराते भी करवाए जाते हैं और श्रद्धालू माता के मंदिरों के दर्शन करते हैं। छोटी छोटी बच्चियों को पूजा जाता है। 


सितंबर माह के अन्य त्योहार

अर्णामुला वल्लमकली

सितंबर के महीने में कई अन्य त्योहार, व्रत एवं उपासना भी की जाएगी । इस माह में 15 सितंबर को अर्णामुला वल्लमकली का त्योहार मनाया जाएगा। केरल के अर्णामुला जिले में खेल स्पर्धा होती है जिसमें कि नौका दौड़ सबसे अहम होती है। सितंबर माह में कन्या संक्रांति  का त्योहार 17 सितंबर को मनाया जाएगा। जिसके तहत सूर्य अपनी दशा बदल कन्या राशि में प्रवेश करेंगें। इसी दिन विश्वकर्मा दिवस भी मनाया जाएगा। जिसके तहत भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है। वहीं 25 सितंबर को इंदिरा एकादशी का व्रत किया जाएगा। सितंबर माह में 28 सितंबर को सर्वपितृ अमावस्या मनाई जाएगी इस दिन पितृ का तर्पण किया जाता है।

 भारत में मनाए जाने वाले त्योहारों / मेलों / उत्सवों का आनंद लें।

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