छठ पूजा नियम
-प्रसाद बनाने के लिये जो बर्तन उपयोग होंगे वो पूरी तरह से साफ होने चाहिए-व्रत रखने वाले को सिर्फ ज़मीन पर ही सोना होता है।
-मिट्टी के चुल्हे पर सूखी लकड़ी की आग जलाकर ही प्रसाद तैयार किया जाए।

-शुद्ध घी का ही प्रयोग करें
-चढ़ते सूरज को अर्घ्य देते वक्त घुटनों से या कमर से उपर पानी हो।
-व्रत रखने वाले को हमेशा नए ही कपड़े पहनने हैं।
-कपड़ों में कोई सिलाई ना हो। महिलाएं साड़ी और पुरुष धोती पहनें।
छठ पूजा महत्व

पांरपरिक लोक गीत और भजन गाए जाते हैं। घर पर भी भजन और घाट पर भी भजन गाए जाते हैं। सूर्य भगवान और छठी मइया का ध्यान किया जाता है। घाटों को पूरी तरह सजाया जाता है। हर जगह रोशनी और फूल होते हैं।
छठ पर्व की मान्यता
ये पर्व आस्था का एक जीता जागता उदाहरण है। सूर्य भगवान जो कि हमें रोज साक्षात दर्शन देते हैं उन्हें साक्षी मानकर पूजा अर्चना की जाती है। ये इतना कठित व्रत है, लेकिन व्रत रखने वाले में इतनी ऊर्जा आ जाती है कि उन्हें इसके बारे में पता भी नहीं चलता। माना जाता है कि सच्ची निष्ठा और साफ दिल के साथ व्रत रखा जाए तो जो कुछ भी मुराद मन में हो वो पूरी होती ही है।छठ पूजा के नियम वीडियो में समझें
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