
एक हफ्ता पहले हो जाता है जश्न शुरू
क्रिसमस 25 दिसंबर से लगभग एक हफ्ता पहले ही शुरू हो जाती है। घर और गिरिजाघरों की लिपाई पुताई का काम शुरू हो जाता है। नए नए कपड़े लिये जाते हैं। घरों में सजावट का सामान लगाया जाता है। मिट्टी के छोटे छोटे लैंप खरीदे जाते हैं। घर के गेट पर रंगबिरंगी रोशनी वाली लाइट्स लगाई जाती हैं। घर की छतों तक बिजली के एलइडी बल्ब की झालर लगा दी जाती है। भारत में क्रिसमस ट्री की जगह अन्य पेड़ जो कि घर के मध्य में हों उन्हें ही सजाया जाता है। शॉपिंग माल्स और ऑफिस में बड़े बड़े क्रिसमस ट्री लगाए जाते हैं।क्रिसमस संध्या क्या है
क्रिसमस का जो मुख्य जश्न है वो क्रिसमस ईव या संध्या पर ही होता है। इस रात कई पार्टियां होती हैं। चर्च में स्पेशल प्रार्थना होती है। यीशु मसीह के जन्म का वाक्यता फिर से दर्शाया जाता है। झांकियां निकली हैं। घरों में रंग बिरंगी लाइट्स जलती हैं। बाइबल पढ़ी जाती है। एक दूसरे को गिफ्ट बांटे जाते हैं। चर्च में चारों तरफ फूलों की ही महक होती है। मधुर सी आवाज में कैरल गाए जाते हैं। इस दिन वेटिकन सिटी में पोप दुनिया में शांति के लिये विशेष प्रार्थना करते हैं।
क्रिसमस पर केक
बिना केक और पेस्ट्री के क्रिसमस संध्या हो ही नहीं सकती। इस दिन कई स्पेशल केक बनते हैं। चॉकलेट से लेकर वनीला तक कई तरह के डिजाइन और फ्लेवर के केक बनाए जाते हैं। लोग अपने संबंधियों और पड़ोसियों को बुलाते हैं और फिर सब मिल बांट कर केक खाते हैं।
कार्ड देने की परंपरा
दुनिया का सबसे पहला क्रिसमस कार्ड विलियम एंगले द्वारा 1842 में भेजा गया था। अपने परिजनों को खुश करने के लिए। इस कार्ड पर किसी शाही परिवार के सदस्य की तस्वीर थी। इसके बाद जैसे की सिलसिला सा लग गया एक दूसरे को क्रिसमस के मौके पर कार्ड देने का और इस से लोगो के बीच मेलमिलाप बढ़ने लगा।क्रिसमस पार्टी

क्रिसमस पर रात को कई पार्टियां की जाती हैं। दोस्त, संबंधी और ऑफिस के सहकर्मी किसी के घर, होटल या रिसॉर्ट पर जाकर पार्टी करते हैं। म्यूजिक लगाया जाता है और डांस किया जाता है। हर पल को खुशियों से भर दिया जाता है। पूरे दिन कि और पिछले साल की जो भी परेशानियां हों उन्हें भुला कर फिर से खुशियां बटोरी जाती हैं और यही कामना की जाती है कि अगला साल उनके लिये खुशियां ही खुशियां लाए।
क्रिसमस के जश्न के वीडियो
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