कौन हैं सांता क्लॉज़
सांता क्लॉज़ असल में कौन थे ये कोई नहीं जानता। वो थे भी या सिर्फ काल्पनिक पात्र हैं ये भी कहीं पता नहीं चलता, लेकिन कुछ धारणाओं के मुताबिक संत निकोलस को ही सांता क्लॉज़ कहा जाता है। आज से कई सौ साल पहले संत निकोलस हुआ करते थे। नोकोलस की ईसाई धर्म में बहुत मान्यता थी और वो बाद में पादरी बने। उनसे कोई कुछ मांगे तो वो खाली हाथ नहीं जाता था। उन्हें गिफ्ट देना बड़ा अच्छा लगता था। वो अक्सर बच्चों को गिफ्ट देते थे। माना जाता है कि निकोलस को अपनी पहचान दिखाना पसंद नहीं था इसलिये वो रात को गिफ्ट बांटते थे। एक बार एक मजदूर की तीन बेटियां थीं, लेकिन शादी के लिये पैसे नहीं थे। लड़कियों को देह व्यापार में धकेला जाने लगा। संत निकोलस ने रात को जाकर उनके घर सूख रही जुराबों में सोने के सिक्के रख दिये। तब से क्रिसमस के पिछले दिन लोग जुराब भी बाहर लटकाते हैं।सांता क्लॉज़ को लंबी दाढ़ी और मोटे पेट वाला कहा जाता है। सांता क्लॉज़ की समानता जर्मन लोगों के देवता ओडिन से भी की जाती है। सांता का आज का जो प्रचलित नाम है वह निकोलस के डच नाम सिंटर क्लास से आया है।
संत निकोलस कैसे देते हैं गिफ्ट
सांता कहां रहता है
सांता क्लाज़ के बारे में बहुत बातें कही जाती हैं। कोई कहता है कि अब वो सिर्फ एक अफवाह हैं तो कई लोग उनका असली पता भी बताते हैं। ये भी कहा जाता है कि वो अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रहते हैं। बच्चों के बीच सांता क्लाज़ को लेकर अलग ही फैंटेसी है। हर साल बच्चे सांता क्लाज़ के पते पर चिट्ठियां भेजते हैं और अपनी डिमांड देते हैं। सबसे फेमस पता फिनलैंड का है। डाक विभाग ने पोस्टल कोड भी जारी किया है और अचंभे की बात ये है कि कइयों को उनकी चिट्ठी का जवाब भी आता है।To read this article in English, click here