देव उठनी एकादशी का बहुत महत्व है। जैसा की नाम ही बताता है(देव+उठनी) कि इसका संबंध देवी देवताओं के उठने से है। दरअसल भगवान विष्णु समेत अन्य देवी देवता चार महीने के लिये सो जाते हैं और इस एकादशी के दिन वो वापस जागते हैं। देव उठनी होने के बाद मुहुर्त खुल जाते हैं और शादी, विवाह, मुंडन समेत अन्य शुभ कार्य शुरू किये जाते हैं। देव उठनी पर कई जगह तुलसी विवाह किया जाता है। इस एकादशी पर व्रत भी किये जाते हैं।

देव उठनी पूजा विधि

सुबह उठ कर सन्नान करें
पूजा स्थल को साफ करें
विष्णु भगवान की प्रतिमा स्थापित करें
धूप और दीप अर्पित करें
दिन में जब धूप आए तो भगवान विष्णु के चरण ढंक दें
रात के वक्त कथा करें

इस मंत्र का उच्चारण करें-

उत्तिष्ठ गोविन्द त्यज निद्रां जगत्पतये।
त्वयि सुप्ते जगन्नाथ जगत्‌ सुप्तं भवेदिदम्‌॥
उत्थिते चेष्टते सर्वमुत्तिष्ठोत्तिष्ठ माधव।
गतामेघा वियच्चैव निर्मलं निर्मलादिशः॥
शारदानि च पुष्पाणि गृहाणमम केशव।  


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