
धनतेरस पूजा सामग्री
-चार मुख वाला आटे का दीपक-घी या तेल
-फूल, तिलक और चावल
-शुद्ध तल और चम्मच
-आसन
-खिल व बताशे
-धूप, दीप
-सुहाली, पेठा
पूजा विधि
-सुबह जल्दी उठ कर स्नान करें-साफ कपड़े डाल कर शुभ मुहूर्त का इंताजर करें
-मुहूर्त होने पर भगवान धन्वन्तरि, मां लक्ष्मी और कुबेर भगवान की प्रतिमा या फोटो स्थापित करें
-एक कलश में 5 सुपारी, 1 चांदी का सिक्का, दुबा, हल्दी का टुकड़ा, 13 रत्न
-कलश के उपर किसी चीज में डालकर चावल रखें। चावल के उपर श्रीफल रखें।
-कलश के स्थापित होने के बाद उसे धूप और दीप करें। फल अर्पित करें
भगवान धन्वन्तरि का आह्वान
कलश स्थापित करने के बाद सबसे पहले भगवान धन्वन्तरि की पजा इस मंत्र से करें-
सत्यं च येन निरतं रोगं विधूतं,
अन्वेषित च सविधिं आरोग्यमस्य।
गूढं निगूढं औषध्यरूपम्, धन्वन्तरिं च सततं प्रणमामि नित्यं।।
-भगवान के चित्र पर धूप और दीप दें। तिलक, फूल आदि चढ़ाएं। खीर का भोग लगाएं।
-अब पान, लौंग और सुपारी चढ़ाएं
-वस्त्र अर्पित करें(मौली)
-शंखपुष्पी, तुलसी, ब्राह्मी आदि पूजनीय औषधियां अर्पित करें
रोग नाश करने के लिए कामना मंत्र
ऊँ रं रूद्र रोगनाशाय धन्वन्तर्ये फट्।।
उसके बाद भगवान कुबेर का आह्वान निम्न मंत्र से करें-
यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन-धान्य अधिपतये
धन-धान्य समृद्धि मे देहि दापय स्वाहा।
माँ लक्ष्मी मंत्र
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥

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