दिवाली, एक ऐसा नाम जिसका ख्याल आते ही मन खुश हो जाता है। हर किसी के मन में दिवाली के लिये एक अहम स्थान है। छुट्टियां, पटाखे, रोशनी, नए कपड़े, ऑफ़िस में बोनस, नए नए गिफ्ट, अच्छा मौसम (ना सर्दी ना गर्मी) और परिवार के सभी सदस्यों का एक जगह इकट्ठा होना। वैसे तो हिंदुओं के सैंकड़ो त्योहार हैं, लेकिन दिवाली सबसे ऊपर है। दस में से आठ लोगों का पसंदीदा त्योहार दिवाली ही होता है। दिवाली भगवान राम के वनवास के बाद अयोध्या वापस लौटने के तौर पर मनाई गई थी। आयोध्या के लोग भगवान राम के वापस लौटने पर इतना खुश हुए कि उन्होंने पूरे नगर को दीपों से भर दिया, जहां कहीं भी नज़र जाती थी बस रोशनी ही रोशनी होती थी। तब से लेकर अब तक हर साल पूरे देश को रोशन किया जाता है। पहले तेल के दीये जलाए जाते थे, लेकिन अब मोमबत्तियां और पटाखे किये जाते हैं।

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दिवाली शब्द दीपावली से बना है जिसका मतलब होता है दीपों की आवली यानि लाइन। दिवाली के दिन रोशनी करने का एक और भी महत्व है, वो है अंधेरे को भगाना। अंधेरे को नकारात्मक माना जाता है और रोशनी से उसे हम खत्म कर सकते हैं। दिवाली सिखाती है कि अगर जिंदगी में कभी अंधेरा रुपी नेगेटिविटी आए तो उसे आशा का दीप जलाकर भगा दो। दिवाली को जैन धर्म के लोग महावीर मोक्ष दिवस और सिख धर्म के लोग बंदी छोड़ दिवस के तौर पर मनाते हैं।
दिवाली को भारत के अलावा कई देशों में मनाया जाता है और अधिकतर जगह इसकी सरकारी छुट्टी भी होती है।

दिवाली का उल्लेख

दिवाली के बारे में लगभग हर लेख में बताया गया है। ये पर्व गर्मी की फसल के बाद का दर्शाया गया है। कई पुराणों में भी इसके बारे में लिखा गया है। असंख्य कथाओं में भी दिवाली के बारे में वर्णन है।

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दिवाली पूजा विधि

-दिवाली कि शाम नहा धोकर एक लकड़ी का पटड़ा रखें
- पटड़े पर स्वास्तिक बनाकर लक्ष्मी और गणेश जी कि प्रतिमाएं रखें
- शुद्ध जल का एक कलश रखें
-हाथ में जल लेकर उसे मूर्तियों और अन्य भक्त जनों पर छिड़कें
- धूप और ज्योति जलाएं
-फल, फूल और मिठाई भगवान को अर्पित करें
-11 छोटे दीपक और एक बड़ा दीपक जलाएं
-सभी छोटे दीप को घर के चौखट, खिड़कियों और बड़ा दीपक पूजा स्थान पर रखें

दिवाली के मंत्र

कहा जाता है कि दिवाली के दिन खुद मां लक्ष्मी धरती पर आती हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद देकर माला माल कर देती हैं।
 
धनवान बनने के लिए विष्णु लक्ष्मी मंत्र

ॐ ह्रीं ह्रीं श्री लक्ष्मी वासुदेवाय नम:।

श्री लक्ष्मी मंत्र : 2
ॐ आं ह्रीं क्रौं श्री श्रिये नम: ममा लक्ष्मी
नाश्य-नाश्य मामृणोत्तीर्ण कुरु-कुरु
सम्पदं वर्धय-वर्धय स्वाहा:।

महामंत्र : 3
पद्मानने पद्म पद्माक्ष्मी पद्म संभवे
तन्मे भजसि पद्माक्षि येन सौख्यं लभाम्यहम्।।

महामंत्र : 4
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:

महामंत्र : 5
ॐ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये,
धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:।

महामंत्र : 6
ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं अर्ह नम: महालक्ष्म्यै
धरणेंद्र पद्मावती सहिते हूं श्री नम:।

महामंत्र : 7
ऊं ह्रीं त्रिं हुं फट
महामंत्र : 8

ऊं श्रीं, ऊं ह्रीं श्रीं, ऊं ह्रीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय: नम

महामंत्र : 9
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं त्रिभुवन महालक्ष्म्यै अस्मांक दारिद्र्य नाशय प्रचुर धन देहि देहि क्लीं ह्रीं श्रीं ॐ ।

लक्ष्मी प्राप्ति का 10वा मंत्र
ॐ श्रीं श्रियै नमः।

दिवाली और इकॉनमी

दिवाली एक ऐसा त्योहार है जिसके आने से एक महीना पहले ही ख़रीददारी शुरू हो जाती है। लोग एक दूसरे के लिये गिफ्ट और मिठाइयां खरीदते हैं। नया सामान लिया जाता है। दिवाली से पहले धनतेरस पर लोग गाड़ियां, फ्रिज, टीवी बगैरह खरीदते हैं। ऐसा माना जाता है कि धनतेरस पर अगर कुछ खरीदें तो वो बढ़ता ही जाता है। दिवाली के दिन भी लोग जमकर खरीददारी करते हैं। करोडो़ं के पटाखे खरीदे और बेचे जाते हैं। एक आंकड़े के मुताबिक लगभग पांच हज़ार करोड़ के पटाखे बेचे जाते हैं। वहीं सोना चांदी का कारोबार भी काफी बढ़ जाता है। एक छोटे से दीये बनाने वाले से लेकर हीरे बनाने वाले सभी मुनाफा कमाते हैं।

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पर्यावरण

वैसे तो दिवाली में सिर्फ रोशनी करने को ही सही माना गया है, लेकिन आज के दौर में आतिशबाजी ही दिवाली का मतलब बना लिया गया है। करोंड़ों के पटाखे एक ही रात में जलाए जाते हैं। जिसकी वजह से पूरा आकाश धुएं से भर जाता है। बड़े बड़े शहरों में तो सांस लेना मुश्किल हो जाता है। जिससे दमे के मरीज़ और बच्चों को काफी दिक्कतें होती हैं। वहीं ध्वनि प्रदूषण भी काफी फैलता है।

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