भारत के हर राज्य, गांव और घर के अंदर मंदिर होते ही हैं। लाखों गांव में करोड़ों मंदिर हैं। हर जगह प्रतिमाएं हैं। पूजा होती है, लेकिन कुछ ऐसे मंदिर हैं जहां साक्षात देवी मां के दर्शन होते हैं। वहां कभी मां खुद आई थीं और आज भी वहां भक्तों का उद्धार करती हैं। ये मंदिर अब शक्ति पीठ कहलाते हैं। अधिकतर देवी मां के मंदिर वहां वहां बने हैं जहां सती मां के शरीर के अंग गिरे थे। माना जाता है कि एक बार सती मां के पिता राजा दक्ष ने एक यज्ञ रखवाया। सभी को न्योता दिया गया पर भगवान शिव को नहीं बुलाया। शिव भगवान के मना करने पर भी मां गौरी अपने पिता के घर चली गईं। वहां पर राजा दक्ष ने भगवान शिव के खिलाफ बहुत अपशब्द बोले। गुस्से में आकर मां गौरी हवन कुंड में कूद गईं। गुस्से से तिलमिलाए शिव भगवान पहुंचे। आदेश मिलते ही शिव के सेनापति वीरभद्र ने दक्ष का सिर कलम कर दिया। शिव भगवान मां के जले हुए शरीर को लेकर भागने लगे। जैसे जैसे वो चलने लगे तो मां के अंग गिरने लगे। जहां जहां वो अंग गिरे वहां आज शक्तिपीठ हैं। वहीं कई जगह पर मां की पिंडियां खुद ही निकल आई हैं। हिमाचल प्रदेश के देहरा में ज्वाला माई के मंदिर में तो साक्षात मां विराजमान हैं। बिना किसी चीज के कई सालों से वहां ज्वाला जल रही है। चलिये आपको कुछ प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में बताते हैं।
वैष्णो देवी मंदिर- जम्मू कश्मीर करणी माता मंदिर- बीकानेर, राजस्थान चामुंडा देवी मंदिर- कांगड़ा , हिमाचल प्रदेश कालका माता मंदिर- चंडीगढ़ ज्वालाजी मंदिर- कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश नैना देवी मंदिर- बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश बगलामुखी मंदिर- कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश ब्रजेश्वरी धाम- कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश माता चिंतपूर्णी- ऊना, हिमाचल प्रदेश देवी तालाब मंदिर- जालंधर, पंजाब छतरपुर मंदिर, दिल्ली अंबा जी मंदिर- जूनागढ़, गुजरात मंगलागौरी मंदिर- गया, बिहार
दुर्गा देवी मंदिर, वाराणसी, उत्तर प्रदेश कनक दुर्गा माता- विजयवाड़ा, आंध्र प्रदेश श्री दुर्गा परमेश्वरी मंदिर, कटील, कर्नाटक मां भद्र काली मंदिर- नेपाल अन्नपूरेश्वरी मंदिर, कर्नाटक चामुंडेश्वरी मंदिर- मैसूर कामाख्या देवी मंदिर-गुवाहाटी, असम मनसा देवी मंदिर, चंडीगढ़/ चुरु, राजस्थान दक्षिणेश्वर काली मंदिर, कोलकाता, पश्चिम बंगाल भगवती मंदिर, कन्याकुमारी, तमिलनाडु कालीघाट काली मंदिर, कोलकाता, पश्चिम बंगाल