15 अगस्त के दिन ऐसा लगता है मानो पूरे भारत को तिरंगे के रंग में रंग दिया गया हो। चाहे वो सरकारी कार्यालय हो या प्राइवेट हर जगह तिरंगे ही तिरंगे दिखते हैं। इस दिन पूरे देश में अवकाश होता है। हालांकि अवकाश के दिन भी सभी संस्थाएं और कार्यालय के कर्मचारी सुबह आते हैं और ऑफिस को सजा कर तिरंगा फहराते हैं। स्कूल और कॉलेज में परेड होती है फिर बैंड के साथ तिरंगा लहराया जाता है। कई जगह देशभक्ति के कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते हैं। तिरंगा फहराने के बाद मिठाई बांटी जाती है। कॉलोनियों और गांव में सब मिलकर कुछ ना कुछ कार्यक्रम जरूर करवाते हैं।
इस दिन देश के प्रधानमंत्री लाल किले पर पहले तो झंडा फहराते हैं और फिर देशवासियों के नाम भाषण देते हैं। हर राज्य के मुख्यमंत्री और राज्यपाल को इस दिन पुलिस कर्मी परेड सलामी देते हैं। दुकानों पर मिठाइयां भी तीन रंगों की ही मिलती हैं। टेलीविज़न पर चैनल्स के चिह्न तीन रंगे के कर दिये जाते हैं। टैक्सियों पर तिरंगे लगाए होते हैं और बच्चे भी तीन रंग की टी शर्ट डाले होते हैं।
लाल किला
भारत का जो भी कोई प्रधानमंत्री होता है वो इस दिन लाल किले के प्राचीर पर देशवासियों को संबोधित करता है। संबोधन में पिछले साल की विकास कार्य और आगे वो क्या करने जा रहे हैं उसके बारे में बताया जाता है। साथ ही देश की आजादी के लिये प्राणों की आहुति देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को भी याद किया जाता है।
पतंगबाजी
इस दिन तीन रंग की पतंगों को उड़ाया जाता है। जहां तक नज़र जाती है बस पतंगे ही पतंगे दिखती हैं। छत पर खड़े होकर बच्चे और बड़े सभी पतंग उड़ाते हैं।आसमान ऐसा लगता है मानो तीन रंग का हो गया हो।