
जीवन और राजनीति
इंदिरा गांधी का जन्म जवाहरलाल नेहरू के घर हुआ। बाद में फिरोज गांधी से शादी के बाद इनका नाम इंदिरा गांधी हुई है। स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद ये विश्व-भारती विश्वविद्यालय में पढ़ने गईं। बाद में वो इन्होंने इंग्लैंड के सोमरविल कॉलेज, ऑक्सफोर्ड में दाखिला लिया। वहीं पर फिरोज गांधी से मुलाकत हुई, जिनके साथ 16 मार्च 1942 को शादी हुई। पढ़ाई करने के बाद ये भारत वापस आ गईं और स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेना शुरू कर दिया। नेहरू जी की मृत्यु के बाद वो राज्यसभा के जलिये सूचना प्रसारण मंत्री बनीं। लालबहादुर शात्री जी के निधन के बाद इंदिरा गांधी को देश की बागडोर दी गई। इन्होंने कई फैसले लिये और लोगों की चहेती बन गईं। बाद में तीन बार प्रधानमंत्री का कार्यकाल पूरा किया, लेकिन चौथी बार इनको मार दिया गया था।
आपातकाल और ऑपरेशन ब्लू स्टार
इलाहाबाद से राज नारायण के खिलाफ चुनाव में इंदिरा गांंधी जीत तो गईं, लेकिन राज नरायण ने उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। मामला कोर्ट पहुंचा तो कोर्ट ने आरोप सही पाए और इंदिरा गांधी के लोक सभा चुनाव को रद्द कर दिया गया। 6 साल के लिये चुनाव लड़ने से प्रतिबंध लगा दिया गया। ऐसे में वो अब प्रधानमंत्री पद पर नहीं रह सकती थीं। जगह जगह उनके खिलाफ आंदोलन होने लगे। मामले को देखते हुए आपातकालीन स्थिति की घोषणा कर दी गई। इस फैसले के बाद इंदिरा गांधी का जनाधार बहुत ही कम हो गया और जब आपातकाल के बाद चुनाव हुए तो वो हार गईं।हालांकि बाद में वो दोबार चुनाव जीतीं तो पंजाब में समस्याएं शुरू हो गईं। 1981 में अलगाववादी सिख समूह के नेता जरनैल सिंह भिंडरावाले को मारने के लिये अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में आर्मी भेजी गई और ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाया गया। अलगाववादी तो मारे गए पर इंदिरा गांधी के इस कदम से काफी लोग नाराज हो गए। 31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी के दो बॉडी गार्ड्स ने ही उन्हें सर्विस हथियार से गोली मार दी थी। जिससे इंदिरा गांधी की मौत हो गई।

पुण्यतिथि पर कार्यक्रम
इस दिन देश भर में इंदिरा गांधी को याद करने के लिये कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। कांग्रेस के सभी कार्यालयों में उनकी प्रतिमा पर पुष्प अॉर्पित करके उनके कार्यों को याद किया जाता है।To read this article in English click here