“कट गई”
पतंगबाजी में एक तो सबसे सुंदर पतंगे उड़ाई जाती हैं। कई पतंगें तो कई मीटर लंभी होती हैं। अलग अलग डिजाइन की पतंगे उड़ती हैं। जो सबसे सुंदर और अलग पतंग होती है उसे बनाने वाले को इनाम भी दिया जाता है। दूसरा एक दूसरे की पतंगें काटी जाती हैं। एक पतंग से दूसरे पतंग के बीच हवा में ही गांठ बना दी जाती है और फिर जिस पतंग की डोर मजबूत होती है वो दूसरी पतंग को काट देती है। पतंग का कटना दूसरे खिलाड़ी की हार माना जाता है। पतंग कटते ही सब लोग “कट गई”या ”काई पो छे” चिल्लाते हैं। दूसरे की पतंग को काटना बड़ी शान माना जाता है। गांव मोहल्लों में तो टोलियां एक दूसरे को पतंग काटने की चुनौतियां तक देती हैं।कल्पना के रंग
महोत्सव के दौरान कई प्रतियोगिताएं भी करवाई जाती हैं, जिसमें से सबसे अहम होता है पतंग पर रंगों के जरिये कलाकारी करना। पतंग पर अपनी कल्पना के आधार पर डिजाइन बनाए जाते हैं। जिसका डिजाइन सबसे अच्छा होता है उसे इनाम दिया जाता है।स्थानीय पतंग उत्सव
देश भर में छोटे छोटे कई पतंग उत्सव मनाए जाते हैं। खास कर मकर संक्रांति के आस पास तो लगभग हर गली और मोहल्ले में पतंग उत्सव होते हैं। राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और दिल्ली जैसी जगहों पर कई दिन पहले से ही लोग पतंग उत्सव का इंतजार करते हैं। पतंग उत्सव के लिये बच्चे और विदेशी पर्यटकों के दिल में काफी उत्सुकता होती है।पतंगबाजी और पतंग कटने का वीडियो
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