आइलॅंड पर्यटन उत्सवआइलॅंड पर्यटन उत्सव, भारत के केंद्र शासित प्रदेश "अंडमान निकोबार द्वीपसमूह" में मनाया जाने वाला एक उत्सव है | अंडमान निकोबार भारत देश में बंगाल की खाड़ी की ओर से दक्षिण की दिशा से हिंद महासागर मे बसा हुआ द्वीपों का समूह है | अंडमान-निकोबार 572 छोटे-बड़े द्वीपों से मिलकर बना है | अंडमान शब्द मलय भाषा के "हान्दुमय" शब्द से आया है| मलयाली भाषा में हान्दुमय शब्द का अर्थ "हनुमान" होता है और निकोबार शब्द भी इसी भाषा से निकला है | निकोबार शब्द का अर्थ होता है "नंगे लोगों की भूमि" क्योकि पूर्व के समय में यहा कई आदिवासी जनजातियाँ निवास करती थी| द्वीपों के इन समूह में से कुछ द्वीपों में ही लोग निवास करते है |
 

अंडमान निकोबार द्वीपसमूह का इतिहास

यदि इतिहास में जाकर इन द्वीपों की बात करें तो, 17वीं शताब्दी में यहाँ मराठाओं का शासन था | उसके बाद अँग्रेज़ों के आगमन ने इस द्वीप को अँग्रेज़ों के अधीन कर दिया | इस द्वीप पर द्वितीय विश्वयुध के बाद जापान द्वारा कब्जा कर लिया गया था, जिसके बाद नेताजी सुभाष चन्द्र बोश द्वारा बनाई गयी सेना "आज़ाद हिंद फौज" के अधीन रहा | देश से काफ़ी दूर होने की वजह से अँग्रेज़, स्वतंत्रता संग्राम के दौरान क्रांतिकारियों को यहां स्थित "सेलुलर जेल" में बंद कर देते थे, इसी कारण क्रांतिकारी इसे "काला पानी" के नाम से पुकारतें थे |

प्राकृतिक सौंदर्य की दृष्टि से अंडमान निकोबार द्वीप समूह किसी जन्नत से कम नही है | इस स्थान में प्रकृति द्वारा की गयी नक्काशियाँ इतनी खूबसूरत है, कि कई सालों से छुपा-छुपा सा रहने वाला यह द्वीप समूह पिछलें कई समय से अचानक उभर कर पर्यटन और सैलानियों की नज़र में आ गया है | इस राज्य में फैली नेचर की सुंदर चित्रकारी के साथ यहां एक और आकर्षण का केंद्र है, 10 दिनों तक चलने वाला यहाँ का "आइलॅंड पर्यटन उत्सव"|

उत्सव का आकर्षण

आइलॅंड पर्यटन उत्सव का उद्देश्य इस राज्य मे पर्यटन को बढ़ावा देना है | इस उत्सव के दौरान अंडमान-निकोबार द्वीप में पूरी दुनिया भर से सैलानी घूमने आते है, जिससे यहां की परंपरा, यहां की संस्कृति, यहां की कला से पूरी दुनिया परिचित हो पाती है | पूरे दस दिनों तक चलने वालें इस उत्सव में नृत्य, संगीत, तरह-तरह के व्यंजन, हस्तशिल्प, कलाकृति, नाट्यकला, कट्पुतली और अंडमान-निकोबार के प्राकृतिक सौंदर्य, इस पूरे महोत्सव में चार चाँद लगा देते है | यहाँ की यही आकर्षण सैलानियों को इस द्वीप की ओर खीचने की मुख्य वजह बनता है |

कैसे पहुँचें ?

हवाई मार्ग द्वारा

पोर्ट ब्लेयर जिला हवाई मार्ग की सहायता से कोलकाता, चेन्नई, बंगलोर से जुड़ा है| जेट एयरवेस, इंडियन एयरलाइन्स हवाई सेवा देने वाली कंपनी की मद्द से यहाँ पहुँचा जा सकता है |

जल मार्ग द्वारा

कोलकाता, चेन्नई, विशाखापट्टनम के तटों से वयौगे शिप सेवा द्वारा 2-3 दिन में पोर्ट ब्लेयर पहुँचा जाता है |

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