माघ की शुरुआत
लोहड़ी के अगले ही दिन माघ का महीना शुरू हो जाता है। 30 दिन का ये महीना जनवरी और फरवरी के बीच में आता है। अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से ये 13 जनवरी से 11 फरवरी तक रहता है। इस दिन स्नान का बहुत महत्व है। माना जाता है कि स्नान करने से बुरे कर्म और पाप सब धुल जाते हैं। शास्त्रों के अनुसार, दक्षिणायण को देवताओं की रात्रि यानि नकारात्मकता का प्रतीक और उत्तरायण को देवताओं का दिन यानि सकारात्मकता का प्रतीक माना गया है। इस दिन सूर्य उत्तराणय की तरफ गति शुरू करता है इसलिये इस दिन पूजा पाठ, स्नान और दान का बहुत महत्व है।लोहड़ी किसानें के लिये महत्व
लड़कियों को मिलते हैं कपड़े
लोहड़ी के दिन अपनी विवाहित लड़कियों को मां बाप मूंगफली, रेवड़ी, गजक समेत गर्म सूट भी देते हैं। मां बाप अंत तक बच्चियों को ये सूट भेजते हैं। मां बाप के बाद लड़की के भाई और भाभी की जिम्मेदारी होती है कि हर साल सर्दी का एक सूट उन्हें दें।बच्चों के लिये खास
आग जलाकर बजता है ढोल
शाम के वक्त सभी आस पड़ोसी और रिश्तेदार एक जगह इकट्ठे होकर आग जलाते हैं। आग में पहले मूंगफली और रेवड़ियां डाल कर माथा टेका जाता है। फिर खाते पीते हुए ढोल पर भांगड़ा डाला जाता है। महिलाएं गिद्दा डालती हैं। एक दूसरे को बधाइयां दी जाती हैं और सब कुछ भुला कर बस जश्न ही जश्न मनाया जाता है।लोहड़ी के भांगड़े और बच्चों के लोहड़ी गाने का वीडियो
To read this article in English, click here