पंजाब और हिमाचल वासियों के लिये लोहड़ी एक बहुत बड़े पर्व की तरह है। जैसे ही सूरज ढलता है बच्चे हाथ में थैले पकड़ कर चल पड़ते हैं हर घर में लोहड़ी गाने और तिलचौली खाने। वहीं बड़े बूढ़े अपने यार दोस्तों के साथ आग जलाते हैं। थोड़ी सी रात और होती है तो सभी महिलाएं, पुरुष और आस पास के लोग एक आग किनारे खड़े हो जाते हैं। लोक गीत गाए जाते हैं। ढोल की थाप पर भांगड़ा और गिद्दा होता है। अगर किसी के घर बच्चा हुआ हो या नई शादी हुई हो उनके घर पर अलग से बड़ा प्रोग्राम होता है। आजकल तो डीजे बगैरह लगाए जाते हैं। आज भले ही देश मॉर्डन हो गया हो, लेकिन लोहड़ी के गीत और बधाइयां वैसी ही हैं और उतने ही उत्साह के साथ लोग इन्हें गाते हैं। चलिये आज आपको भी सुनवाते हैं लोहड़ी के मशहूर गीत।

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सुंदर मुंदरिये हो…

सुंदर मुंदरिये.............हो
तेरा कौन बेचारा, .............हो
दुल्ला भट्टी वाला, .............हो
दुल्ले घी व्याही,.............हो
सेर शक्कर आई, .............हो
कुड़ी दे बाझे पाई, .............हो
कुड़ी दा लाल पटारा, .............हो
कुड़ी दा सालू पाटा .............हो
सालू कौन समेटे .............हो
चाचा चुर्री कुट्टी .............हो
जमींदारा लुट्टी .............हो
ज़मींदार सुधाये .............हो
गिण गिण पौले लाऊ.............हो
इक पौला घट गया.............हो
जिमेंदार नट्ठ गया.............हो

अंबियां पे अंबिया (हिमाचल की मशहूर लोहड़ी)

अंबियां पे अंबिया… अंबियां
लाल कणकां जमियां…. अंबियां
कणकां बिच्च मुटेरे…… अंबियां
दो साधू केरे…………...अंबियां
साधू गे कायो…………...अंबियां
का औया थोड़ा………….अंबियां
अग्गैं मिल्ला घोड़ा………..अंबियां
घोड़े उप्पर काठी………….अंबियां
अग्गैं मिल्ला हाथी………...अंबियां
हाथियैं फिचके दांद
मेरा नाम गोपीचंद

लोहड़ी बधाई

दे माई लोहड़ी, तेरी जीवे जोड़ी , दे माई पाथी तेरा पुत्त चढ़ेगा हाथी
हुल्ले नी माइ हुल्ले
दो बेरी पत्ता झुल्ले
दो झुल्ल पयीं खजूर्राँ
खजूराँ सुट्ट्या मेवा
एस मुंडे कर मगेवा
मुंडे दी वोटी निक्कदी
ओ खान्दी चूरी कुटदी
कुट कुट भरया थाल
वोटी बावे ननदना नाल

शावा,,, शावा

असी गंगा चल्ले - शावा !
सस सौरा चल्ले - शावा !
जेठ जेठाणी चल्ले - शावा !
देयोर दराणी चल्ले - शावा !
पियारी शौक़ण चल्ली - शावा !
असी गंगा न्हाते - शावा !
सस सौरा न्हाते - शावा !
जेठ जठाणी न्हाते - शावा !
देयोर दराणी न्हाते - शावा !
पियारी शौक़ण न्हाती - शावा !
शौक़ण पैली पौड़ी - शावा !
शौक़ण दूजी पौड़ी - शावा !
शौक़ण तीजी पौड़ी - शावा !
मैं ते धिक्का दित्ता - शावा !
शौक़ण विच्चे रूड़ गई - शावा !
सस सौरा रोण - शावा !
जेठ जठाणी रोण - शावा !
देयोर दराणी रोण - शावा !
पियारा ओ वी रोवे - शावा !

लोहड़ी गीतों के वीडियो




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