मकर संक्रांति का एक नहीं बल्कि कई महत्व हैं।इस दिन स्नान करने से जन्मों के पाप धुल जाते हैं। इस दिन परलोक सिधारने वाले मोक्ष को प्रात्त होते हैं। हर तरफ से ये दिन बहुत ही महत्वपूर्ण है। इतने महत्वपूर्ण दिन अगर पूजा पाठ किया जाए तो उसका फल कई गुणा बढ़ जाता है।कई लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं। मकर संक्रांति के दिन अपनी सास को औरते बायना भी देती हैं। पहले जान लेते हैं बायना की सामग्री और पूजा विधि

पूजा सामग्री

-मकर संक्रांति से एक दिन पहले काले और सफेद तिलों के गुड़ लड्डू बनाएं

-मकर संक्रांति बायना (सुहागिनों की ओर से सास को दिये जाने वाली चीजें) के लिये एक थाली में दो घेवर, चार काले तिल के और चार सफेद तिल के लड्डू, मक्खन और कुछ पैसे। हालांकि कुछ घरों में बूंदी के लड्डू भी रखे जाते हैं।

-ब्राह्मणों को कंबल, बर्तन समेत 14 चीजें दान में दें।

पूजा विधि

-बायना के लिये एक थाली में दो घेवर, चार काले तिल के और चार सफेद तिल के लड्डू रखें। कुछ पैसे भी रखें। बायना पर चावल रखें और टीका लगाएं। खुद को टीका लगाएं। साड़ी के पल्लू या चुनरी के साथ दोनो हाथ जोड़ें। दोनो हाथों को बायना के उपर से चार बार घुमाएं। अपनी सासूमां को बायना पकड़ा कर पैर छुएं। अगर सासूमां ना हो तो बड़ी ननद या अन्य किसी बड़ी महिला को दिया जा सकता है। अगर घर में कोई नहीं है तो बायना पूजा स्थल पर रख दें और बाद में किसी ब्राह्मण को दे दें।

-ब्राह्मणों को इस दिन कंबल, थरमस समेत 14 चीजें 14 ब्राह्मणों को दान करें।

व्रत का महत्व

मकर संक्रांति के दिन व्रत का भी बहुत महत्व है। भविष्यपुराण के अनुसार सूर्य के उत्तरायण या दक्षिणायन के दिन संक्रांति व्रत करना चाहिए। इस व्रत में संक्रांति के पहले दिन एक बार भोजन करना चाहिए। संक्रांति के दिन तेल तथा तिल मिश्रित जल से स्नान करना चाहिए। इसके बाद सूर्य देव की स्तुति करनी चाहिए।

मकर संक्रांति पूजा मंत्र

मकर संक्रांति के दिन सूर्यदेव की निम्न मंत्रों से पूजा करनी चाहिए:
ऊं सूर्याय नम:
ऊं आदित्याय नम:
ऊं सप्तार्चिषे नम:

मकर संक्रांति पूजा विधि का वीडियो



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