
मोंडे का त्योहार ओडिशा के नबरंगपुर जिले में मनाया जाने वाला एक बेहद लोकप्रिय त्योहार है। त्यौहार के उत्सव को इसके नामकरण से अच्छी तरह से समझा जा सकता है क्योंकि मोंडे नाम हिंदी शब्द "मोंडी" से लिया गया है जिसका अर्थ है एक छोटा बाजार स्थान। मोंडे फेस्टिवल का आयोजन दिसंबर के महीने में किया जाता है।
मोंडे फेस्टिवल में पूरे भारत के भक्तों की एक बड़ी मंडली देखी जाती है, जो एक सामान्य देवता की पूजा करते हैं। देवता को प्रार्थना की यह पेशकश पारंपरिक अनुष्ठानों और रीति-रिवाजों के बीच की जाती है। त्योहारों का उत्सव मूल निवासियों द्वारा आयोजित मेले के साथ होता है। पारंपरिक अनुष्ठानों और रीति-रिवाजों के अलावा नृत्य और संगीत प्रदर्शन हैं जो हर साल आयोजित किए जाते हैं।
मोंडे उत्सव की एक आकर्षक विशेषता में आदिवासी ओपेरा शामिल है जो रात भर फैली हुई होती है। उत्सव का समय आम तौर पर अक्टूबर-नवंबर के महीने में फसल कटने के बाद होता है।
यह उत्सव जिले के भीतर विभिन्न स्थानों पर मनाया जाता है जिसमें आसपास के स्थानों के पुरुष और महिलाएं भाग लेने के लिए एकत्रित होते हैं। परंपरागत रूप से, एक जिला स्तरीय कार्यक्रम वर्तमान में राष्ट्रीय स्तर के पर्यटकों को आकर्षित करता है। सभी वर्गों के दर्शकों के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
मोंडे उत्सव में ग्रामीण खेलकूद, माउंटेन ट्रेकिंग, कवि सम्मेलन, शिल्प मेला, कलाकार शिविर, पल्लीश्री मेला, विकास प्रदर्शनी, ओपन क्विज और लोक नृत्य जैसी विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं। रंगीन जुलूस उत्सव की भावना को जीवंत रखते हैं।
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