नवरात्रि, ये ऐसा त्योहार है जो शुभ कार्य का प्रतीक माना गया है। नवरात्रि से पहले श्राद्ध और उससे पहले बारिश के मौसम में कोई शुभ कार्य जैसे, विवाह, गृह प्रवेश बगैरह नहीं किये जाते। नवरात्री शुरू होते ही शुभ मुहूर्त शुरू हो जाते हैं और फिर ये सिलसिला आगे दशहरा, धनतेरस, दीवाली, भाई दूज, गौवर्धन पूजा तक जारी रहता है। नवरात्री दो शब्दों से मिलकर बना है, नव- नौ और रात्रि-रात. मतलब नौ रातें। ये नौ रातें देवी मां के नौ रुपों को समर्पित हैं। दसवें दिन दशहरा मनाया जाता है। नवरात्रि के नौ रातों में तीन देवियों - महालक्ष्मी, महासरस्वती या सरस्वती और दुर्गा के नौ स्वरुपों की पूजा होती है जिन्हें नवदुर्गा कहते हैं। दुर्गा का मतलब जीवन के दुख कॊ हटाने वाली होता है। 9 दिन तक भक्त व्रत रखते हैं और माता की चौकी सजा कर रोज वहां पूजा अर्चना करते हैं। 9 दिन तक भक्त सिर्फ फलाहार (फल, आलू, दूध आदि) ही खाते हैं और अन्न से दूर रहते हैं। अधिकतर जगह 9 दिन तक माता के जगराते भी करवाए जाते हैं और श्रद्धालू माता के मंदिरों के दर्शन करते हैं। छोटी छोटी बच्चियों को पूजा जाता है। भारत में ये त्योहार लगभग सब जगह मनाया जाता है। पश्चिम बंगाल में विशेष दुर्गा पूजा तो गुजरात में इन नौ दिनों में गरबे की धूम रहती है।

 

नौ देवियाँ

पहली देवी हैं मां शैलपुत्री
दूसरी देवी हैं मां ब्रह्मचारिणी
तीसरी देवी हैं मां चंद्रघंटा
चौथी देवी हैं मां कूष्माण्डा
पांचवीं देवी हैं मां स्कंदमाता
छठी देवी हैं मां कात्यायनी
सातवीं देवी हैं मां कालरात्रि
आठवीं देवी हैं मां महागौरी
नौवीं देवी हैं मां सिद्धिदात्री

 माता मंत्र

1. शैलपुत्री : ह्रीं शिवायै नम:।
2. ब्रह्मचारिणी :  ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:।
3. चन्द्रघण्टा :  ऐं श्रीं शक्तयै नम:।
4. कूष्मांडा : ऐं ह्री देव्यै नम:।
5. स्कंदमाता : ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:।
6. कात्यायनी : क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:।
7. कालरात्रि  : क्लीं ऐं श्री कालिकायै नम:।
8. महागौरी : श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:।  
9. सिद्धिदात्री :  ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:। 

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व्रत रखने वालों के लिए कुछ खास बातें

 

1. नौ दिन तक मांस और मदिरा से एकदम दूर रहें। हो सके तो प्याज, लहसुन भी छोड़ दें।
2. फल, आलू और मेेवे खा सकते हैं।
3.व्रत रखने वाले काले कपड़े ना पहने

नवरात्र पूजा विधी

-सुबह जल्दी उठ कर स्नान करें
-पूजा स्थल पर रेत के उपर जौं और पानी छिड़क कर मिट्टी का कलश रखें
-कलश में आप के पत्त रखें और उपर लाल कपड़े में नारियल
-बादाम सुपारी और सिक्का डालें
-धूप और ज्योत जलाएं, मां की अराधना करें
-रोज सुबह स्नान के बाद पूजा करें
-अंतिम दिन कलश का जल घर में छिड़काएं और प्रसाद बांटे

व्रत के दौरान क्या खाएं

व्रत के दौरान सिर्फ शाकाहारी ही खाएं और हो सके तो प्याज, लहसुन से दूर रहें। व्रत के दौरान निम्नलिखित चीजें खा सकते हैं:
-दूध
-दही
-फल
-फलों का जूस
-सिंघाड़े के आटे की पूरी
-आलू
-नारियल पानी और सूखे मेवे

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कथाएं

जब भगवान राम और रावण का युद्ध होना था, तो उससे पहले राम और रावण दोनों ने चंडी पूजन और हवन करना शुरू कर दिया। हवन के लिये श्रीराम ने 108 नीलकमल की व्यवस्था की, लेकिन रावण ने अपनी मायावी शक्ति से एक नीलकमल गायब कर दिया। हवन अधूरा रहने लगा। अब नीलकमल इतनी जल्दी से मिल भी नहीं सकता था। तब श्रीराम को याद आया कि उन्हें  कमलनयन नवकंच लोचन कहते हैं। पूजा पूरी करने के लिये राम ने अपनी एक आंख चढ़ाने कि सोची। जैसे ही वो तीर से आंख निकालने लगे तो मां साक्षात प्रकट हो गईं और प्रसन्न होकर विजयश्री का आशीर्वाद दिया। उधर रावण के यज्ञ में हनुमान छोटे ब्राह्मण का रूप लेकर यज्ञ कार्य में लग गए। उनकी सेवा को देखकर अन्य ब्राह्मणों ने हनुमान जी को कोई वर मांगने को कहा। इस पर हनुमान ने कहा कि आप जिस मंत्र से यज्ञ कर रहे हैं, उसका एक अक्षर मेरे कहने से बदल दीजिए। ब्राह्मण इस रहस्य को समझ नहीं सके और तथास्तु कह दिया। मंत्र में जयादेवी... भूर्तिहरिणी में ह के स्थान पर क उच्चारित करें ।भूर्तिहरिणी यानी कि प्राणियों की पीड़ा हरने वाली और करिणी का अर्थ हो गया प्राणियों को पीड़ित करने वाली, जिससे देवी रुष्ट हो गईं और रावण का सर्वनाश करवा दिया।

नवरात्र गरबा

नवरात्रि में एक और चीज जो बड़ी मशहूर है वो है गरबा। नवरात्रों की पहली रात को गरबा रखते हैं और फिर चार ज्योतें जलाते हैं। चारों और फेरे लिये जाते हैं। गरबे में लोग पारंपरिक कपड़े पहन कर हाथों में लकड़ी की डंडियां जिन्हें डांडिया कहा जाता है उनसे नृत्य करते हैं। ये नृत्य समूह में होता है।


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