नीलमपरूर पूरम पदयानी

चिंगम के मलयालम महीने में पोराम दिवस पर भव्य पडयानी महोत्सव मनाया जाता है। त्योहार मुख्य रूप से केरेला राज्य में मनाया जाता है। अलप्पुझा में खूबसूरत गांव नीलमपुर में पल्ली भगवती मंदिर, उत्सव के उत्सव के लिए खूबसूरती से सजाया गया है। जैसा कि नीलमपरूर पूरम पाटयानी का त्यौहार ओणम के महीने में मनाया जाता है, यह समारोहों में चमक और महिमा का एक शानदार स्तर जोड़ता है। यह त्योहार यहां के स्थानीय लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय है।

हालाँकि पटैयानी का त्यौहार केरल भर में मनाया जाता है, फिर भी नीलमपरूर का त्यौहार अन्य भागों की तुलना में काफी अलग और विस्तृत है। नीलमपरूर में त्योहार को क्या खास बनाता है पौराणिक पात्रों के पुतलों को ले जाने वाली भव्य शोभायात्रा है। ये पुतले राज्य के कलाकारों द्वारा स्थानीय स्तर पर तैयार किए जाते हैं, जो त्योहार से महीनों पहले इन तैयारियों में संलग्न होते हैं।
वान पुतलों के इस प्रदर्शन को "अन्नम केतु" कहा जाता है। इन पुतलों को ले जाने का जुलूस आम तौर पर रातों में आयोजित किया जाता है। कई पर्यटक और आगंतुक त्योहार के उत्सव के दौरान यहां इकट्ठा होते हैं और भारतीय संस्कृति और परंपराओं का उल्लेखनीय अनुभव रखते हैं।

समारोह का समय और स्थल:

नीलमपरूर पूरम पडायनी का त्यौहार हर साल सितंबर के महीने में ओणम के त्यौहार के आसपास आयोजित किया जाता है। यह नीलमपरूर (अलप्पुझा जिला) में पल्ली भगवती मंदिर में आयोजित किया गया है, जो कि कोआयम से 16 किमी दूर है।

यहाँ कैसे पहुँचे:

निकटतम रेलवे स्टेशन: कोट्टायम, लगभग 16 किमी दूर है।
निकटतम हवाई अड्डा: कोचीन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, लगभग 76 किमी दूर स्थित है।

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