भारत के पहले प्रधानमंत्री और बच्चों के प्यारे चाचा नेहरु की मृत्यु 27 मई 1964 में हुई थी। भारत के प्रति स्वंतत्रता संग्राम में किए गए कार्यों के लिए पंडित जवाहर लाल नेहरू को सम्मानित करते हुए प्रतिवर्ष उनकी पुण्यतिथि 27 मई को मनाई जाती है। उनके स्मारक पर जाकर उन्हें पुष्पांजलि श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। हर साल देश के बड़े नेता, मंत्री, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, कांग्रेस नेता, नेहरु के परिवारजन एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें नमन करते हैं। नेहरू जी को आधुनिक भारत के संस्थापक के रूप में जाना जाता है। 15 अगस्त 1947 से 27 मई 1964 तक वह देश के पहले प्रधान मंत्री के रूप में कार्य करते रहे। स्वतंत्रता के बाद नेहरू जी देश के मार्गदर्शक के रुप में कार्यरत रहे। वह देश के प्रधानमंत्री होने के साथ-साथ एक इतिहासकार एवं स्वतंत्रता सेनानी भी थे। नेहरू की इच्छा थी कि वह बतौर वकील प्रक्टिस करें लेकिन यह काम वह कुछ दिन तक ही कर सके। महात्मा गांधी जिस तरह अंग्रेजों से देश को मुक्त कराने के लिए अभियान चला रहे थे उससे नेहरू काफी प्रभावित हुए और महात्मा गांधी के साथ हो गए। पंडित नेहरू एक अच्छे नेता और वक्ता ही नहीं थे, वो एक अच्छे लेखक भी थे। उन्होंने अंग्रेजी में 'द डिस्कवरी ऑफ इंडिया', 'ग्लिंपसेस ऑफ वर्ल्ड हिस्टरी' और बायोग्राफी 'टुवर्ड फ्रीडम' कई किताबें लिखी थीं। इस वर्ष पंडित जवाहर लाल नेहरु की पुण्यतिथि 27 मई (शनिवार) को मनाई जाएगी।

पंडित जवाहर लाल नेहरू पुण्यतिथि

नेहरु जी का जीवन परिचय

बच्चों के प्यारे एवं स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्म 14 नंवबर 1889 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद शहर में एख सम्पन्न परिवार में हुआ था। उनके जन्मदिन को पूरे भारत में 'बाल दिवस' के रूप में मनाया जाता है। उनके पिता का नाम मोतीलाल नेहरू और माता का नाम स्वरूपरानी था। पिता पेशे से वकील थे। जवाहरलाल नेहरू को दुनिया के बेहतरीन स्कूलों और विश्वविद्यालयों में शिक्षा प्राप्त करने का मौका मिला था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा हैरो और कॉलेज की शिक्षा ट्रिनिटी कॉलेज, लंदन से पूरी की थी। उन्होंने अपनी वकालत की डिग्री कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से पूरी की। जवाहरलाल नेहरू 1912 में भारत लौटे और वकालत शुरू की। 1916 में उनकी शादी कमला नेहरू से हुई। 1928 में लखनऊ में साइमन कमीशन के विरोध में नेहरू घायल हुए थे जिसके बाद 1930 के नमक आंदोलन में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। इस गिरफ्तारी के बाद वो लगभग 6 माह तक जेल में रहें। उन्होंने जेल में बिताएं उन 6 महीनों की दास्तान को लिखकर बयां की। 1935 में उन्होंने अलमोड़ा जेल में अपनी 'आत्मकथा' लिखी। उन्होंने कुल 9 बार जेल यात्राएं कीं। नेहरु जी ने विश्वभ्रमण किया और वे अंतरराष्ट्रीय नायक के रूप में पहचाने जाते हैं। नेहरू ने 'पंचशील' का सिद्धांत प्रतिपादित किया और 1954 में 'भारतरत्न' से अलंकृत हुए नेहरूजी ने तटस्थ राष्ट्रों को संगठित किया और उनका नेतृत्व किया। वो 6 बार कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर आसीन रहे। 1947 में पंडित नेहरु स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री बने। अंग्रेजों ने करीब 500 देशी रियासतों को एक सा पश्चिम बर्लिन, ऑस्ट्रिया और लाओस के जैसे कई अन्य विस्फोटक मुद्दों के समाधान में पर्दे के पीछे रह कर भी उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा। उन्हें वर्ष 1955 में भारत रत्न से सम्मनित किया गया। नेहरू पाकिस्तान और चीन के साथ भारत के संबंधों में सुधार नहीं कर पाए। पाकिस्तान के साथ एक समझौते तक पहुँचने में कश्मीर मुद्दा और चीन के साथ मित्रता में सीमा विवाद रास्ते के पत्थर साबित हुए। नेहरू ने चीन की तरफ मित्रता का हाथ भी बढाया, लेकिन 1962 में चीन ने धोखे से आक्रमण कर दिया। 27 मई 1964 को जवाहरलाल नेहरू को दिल का दौरा पड़ा जिसमें उनकी मृत्यु हो गई।

नेहरु जी की पुण्यतिथि कार्यक्रम

भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की पुण्यतिथि पर उनके स्मारक शांति वन में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाता है जहां पुजारी देश के महान नेता की आत्मा की शांति के लिए पवित्र ग्रंथों एवं भजनों का उच्चारण कर प्रार्थनाएं करते हैं। देश के सभी बड़े नेता, नेहरु परिवारजन, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उन्हें उनकी प्रतिमा एवं स्मारक पर पुष्पांजलि श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। नेहरु जी की पुण्यतिथि पर उनके कार्यों को याद किया जाता है। उनके द्वारा दिए गए भाषणों को सुना जाता है। नेहरु जी की छवि आज भी लोगों को जहन में जिंदा है उनकी ऊंची कॉलर वाली जैकेट को लेकर उनकी पसंद ने नेहरू जैकेट को फैशन आइकन बना है। नेहरु जी को 11 बार शांति के नोबेल पुरस्कार के लिए नामित किया गया था। श्याम बेनेगल की टेलीविजन सीरीज भारत एक खोज उनकी किताब द डिस्कवरी ऑफ इंडिया पर आधारित थी। नेहरु जी को उनका पुण्यतिथि पर सम्मानित कर याद किया जाता है।

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