भारत का राज्य मध्य प्रदेश एक ऐसा राज्य है जो अपने मेलों और त्यौहारों के लिए जाना जाता है। मध्य प्रदेश अपनी पुरानी परंपरा और रीति-रिवाजों में गहरी जड़ें जमाए हुए हैं। मध्य प्रदेश के त्यौहारों में जहां मध्य प्रदेश की संस्कृति की झलक मिलती है वहीं दूसरी और इसके प्रत्येक उत्सव और मेलों में भारतिय सभ्यता और इतिहास की झलक भी दिखलाई पड़ती है। मध्य प्रदेश का प्रत्येक त्यौहार धार्मिक महत्व, अत्यधिक समर्पण और विश्वास के साथ मनाया जाता है। यह त्यौहार यहां की जीवंत संस्कृति को प्रदर्शित करते हैं। मध्य प्रदेश के इन्हीं प्रमुख त्यौहारों में से एक है निमाड़ उत्सव। निमाड़ उत्सव एक वार्षिक कार्यक्रम है जो मध्य प्रदेश के महेश्वर में आयोजित होता है। यह एक तीन दिवसीय कार्यक्रम है जो संगीत, नृत्य, नाटक, नौकायन और विभिन्न प्रतियोगिताओं को प्रदर्शित करता है। यह उत्सव मध्यप्रदेश की राज्य सरकार द्वारा आयोजित किया जाता है। इस तीन दिवसीय सांस्कृतिक उत्थान के लिए उत्सव का समय नवंबर के महीने के आसपास का होता है। विशेष रूप से यह कार्तिक पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर आयोजित किया जाता है।
निमाड़ उत्सव

निमाड़ उत्सव की खासियत

महेश्वर निमर उत्सव का स्थान नर्मदा के पवित्र नदी के तट पर स्थित एक छोटा सा शहर है और महान होलकर रानी देवी अहिल्या की राजधानी के रूप में जाना जाता है। यह स्थान अपनी तीर्थयात्रा और साड़ी के लिए प्रसिद्ध है। नर्मदा के पावन तट पर आयोजित तीन दिनी 'निमाड़ उत्सव' में इस लोक रंगों की इद्रधनुषी छटां जमकर बरसती है। मध्यप्रदेश के महेश्वर के मां नर्मदा तट पर निमाड़ उत्सव का शुभारंभ किया जाता है। नर्मदा के तट पर इस उत्सव में दौड़ प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जात है। इसके साथ ही अहिल्या घाट पर रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। निमाड़ उत्सव में नौका सज्जा का भी आयोजन किया जाता है जिसके तहत नावों को विभिन्न रुपो में पुष्प एवं रंगीन कागजों द्वारा सजाया जाता है। निमाड़ उत्सव में महिलाओं के लिए विशेष रुप से मेहंदी एवं पेंटिग प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। इस उत्सव में मां अहिल्या घाट पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। जिसमें दूर-दूर से लोक कलाकार शामिल होते हैं। जो अपने नृत्य एवं मधुर संगती से जन-जन को मोहित कर देते हैं। निमाड़ उत्सव में आदिवासी व निमाड़ी लोकनृत्य भी किया जाता है।

निमाड़ अवलोकन

मध्य प्रदेश मे स्थित निमाड़ मध्य प्रदेश के पश्चिमी ओर स्थित है। इसके भौगोलिक सीमाओं में निमाड़ के एक तरफ़ विन्ध्य पर्वत और दूसरी तरफ़ सतपुड़ा हैं, जबकि मध्य में नर्मदा नदी है। पौराणिक काल में निमाड़ अनूप जनपद कहलाता था। बाद में इसे निमाड़ की संज्ञा दी गयी। फिर इसे पूर्वी और पश्चिमी निमाड़ के रूप में जाना जाने लगा। निमाड़ में हज़ारों वर्षों से उष्म जलवायु रहा है। निमाड़ का सांस्कृतिक इतिहास अत्यन्त समृद्ध और गौरवशाली है। विश्व की प्राचीनतम नदियों में एक नदी नर्मदा का विकास निमाड़ में ही हुआ निमाड़ की पौराणिक संस्कृति के केन्द्र में ओंकारेश्वर, मांधाता और महिष्मती है। वर्तमान महेश्वर प्राचीन महिष्मती ही है। कालीदास ने नर्मदा और महेश्वर का वर्णन किया है। मध्य प्रदेश के मुख्य त्यौहारों में खजुराहो में खजुराहो नृत्य महोत्सव, खजुराहो में लोकजन, ग्वालियर मंश तानसेन संगीत समारोह, पचमढ़ी में शिवरात्रि मेला, उज्जैन में नवरात्रि महोत्सव और सांची में चेथियागिरी विहार उत्सव प्रमुख रुप से मनाए जाते हैं।

कैसे पहुंचे निमाड़

हवाईजहाज द्वाराः निकटतम हवाई अड्डा इंदौर में है जो यहां से लगभग 91 किमी दूर है। इस दूरी को पूरा करने में लगभग 3 घंटे लगते हैं।

रेल द्वाराः बरवाहा निकटतम रेल हेड है लेकिन सभी ट्रेनों में कोई कोई यहां रुकती है। इंदौर 91 किमी की दूरी पर निकटतम प्रमुख स्टेशन है।

सड़क द्वाराः मध्य प्रदेश के सभी प्रमुख शहरों में महेश्वर के लिए बसें उपलब्ध हैं। इंटरस्टेट बसें भी यहां से शुरू होती हैं।

स्थानीय परिवहनः
टैक्सी शहर की खोज के लिए सबसे अच्छा माध्यम है। महेश्वर के अंदर भी बसें उपलब्ध हैं।

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