ओणम- ये सिर्फ त्योहार ही नहीं फसल का भी मौसम होता है। ओणम एक ऐसा त्योहार है जिसकी पुरानी परंपराओं को आज की मॉर्डन लाइफ छू भी नहीं पाई है। चाहे कोई विदेश में रहता हो या फिल्मों में काम करता हो। ओणम के दिन सभी लोग पूरे विधि विधान से त्योहार मनाते हैं। ओणम की कोई सीमा नहीं है। ऐसा नहीं है कि सिर्फ केरल में ही इसे मनाते हैं। ओणम को दुनिया के हर कोने में बड़े चाव से मनाया जाता है।

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दस दिन के इस त्योहार में दस ही दिन अलग अलग पर्व होते हैं। पहला दिन अथम तो आखिरी दिन थिरू ओणम कहलाता है। ओणम शुरू होने से कई महीने पहले ही इसकी तैयारियाँ शुरू हो जाती हैं।
यूं तो ओणम की हर चीज ही खास है, लेकिन इसके मुख्य आकर्षण है-

ओणम सध्या

ओणम सध्या 9 पकवान होते हैं जो कि ओणम के लिये खास पकाए जाते हैं। ये पकवान केले के पत्ते पर रख कर खाए जाते हैं। इस परोसने की और खाने की एक विशेष विधि होती है।

नौका दौड़

ओणम के दौरान नौकाओं की दौड़ कराई जाती है। दूर दूर से लोग विशालकाय नौकाओं को देखने आते हैं।
ओनकलिक्कल- ये एक तरह की खेल क्रिया होती है जिसमें की शरीर की जोर आजमाइश होती है। ये खेल अधिकतर पुरुष ही खेलते हैं।

नृत्य

ओणम के दौरान क्या पुरुष तो क्या महिलाएं सब लोग थिरकते हैं। कई अलग अलग रंगो के परिधान पहन कर नॉत्य किये जाते हैं।

आस्था

इस दिन केरल के लोग राजा महाबलि को पूजते हैं। उन्ही के स्वागत के लिये फूलों की रंगोली बनाई जाती है।

चींगम महीना

मलयालम कैलेंडर के मुताबिक चींगम का महीना अंतिम महीना होता है। ये अंतिम महीना फसल के लिये अच्छी बारिश का भी महीना होता है।

ओणम पूजा के वीडियो देखें



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