केरल में महाबलि राजा का राज था। राजा को लोग बहुत पसंद करते थे। लोग उन्हें भगवान मानने लगे, तो ये बाद स्वर्ग में बैठे देवताओं को ठीक नहीं लगी।एक षड्यंत्र रचा गया । इन्द्र ने विनती की तो भगवाने विष्णु ने वामन अवतार लिया और छोटे ब्राह्मण का वेष बनाकर राजा महाबलि के पास गए। ब्राह्मण ने तीन कदम ज़मीन राजा से मांगी। राजा दानी था तो कहा कि आप जहां चाहे ये ज़मीन ले सकते हैं। इतना कहते ही भगवान विष्णु ने विशाल रूप ले लिया और एक कदम में पूरी पृथ्वी, द्सूरे कदम में स्वर्ग नाप लिया, लेकिन तीसरे कदम के लिये जगह ही नहीं बची। यह देखते ही राजा महाबलि ने तीसरे कदम के लिये अपना सिर आगे कर दिया। अब विष्णु ने बलि से सब कुछ ले लिया था और उसे कहा कि वो पाताल लोक चले जाएं और वहां रहें। पाताल जाने से पहले विष्णु ने उनकी एक इच्छा पूरी करने की बात कही। राजा ने कहा कि मुझे साल में एक दिन अपनी प्रजा से मिलने दिया जाए उस दिन के बाद राजा जब भी आते हैं तो पूरी प्रजा खुशियां मनाकर राजा को बताती है कि वो खुश हैं। गाना -बजाना, नृत्य, नौका दौड़, मंदिरों में पूजा, हाथी दौड़ सब कुछ होता है। ओणम के दिन केरल को देखना अपने आप में अलग होता है।
ओणम की कथा का वीडियो
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