अथम
अथम इस त्योहार का सबसे पहला दिन होता है। पहला दिन होने के मद्देनज़र इसको बड़े चाव से मनाया जाता है। लोग सुबह जल्दी उठते हैं और फिर नहा धो कर पूजा पाठ करते हैं। नाश्ते में क्या खाना है ये पहले से ही तय होता है। इसी दिन से फूलों की रंगोली बनाना शुरू कर दी जाती है जो कि राजा महाबलि के स्वागत के लिये बनाई जाती है।चिथिरा
ओणम के दूसरे दिन चिथिरा होती है। इस दिन सब लोग पूजा पाठ से ही दिन की शुरूआत करते हैं। घर के लड़कों की ये जिम्मेदारी होती है कि वो रंगोली के फूलों का इंजाम करें और लड़कियों कि रंगोली बनाने की।चोढ़ी
हालांकि तीसरे दिन घर में कोई खास कार्यक्रम नहीं होता है, लेकिन इस दिन ख़रीददारी की जाती है। खासकर महिलाएं इस दिन जमकर ख़रीददारी करती हैं। नए कपड़े लिये जाते हैं और एक दूसरे के लिये गिफ्ट खरीदे जाते हैं।विसकम
इस दिन घर सजाया जाता है। हर जगह त्योहार का रंग चढ़ने लगता है। घर की महिलाएं आचार डालती हैं और पापड़ बनाती हैं। लड़कियां रंगोली सजाने में व्यस्त रहती हैं। ख़रीददारी का आलम इस दिन भी रहता है।अनिज़्हम
ये दिन बड़ा खास होता है। इस दिन केरल की सबसे फेमस बोट रेस होती है। इस रेस को वल्लमकली कहा जाता है। सांप की तरह सजी नौकाओं के बीच दौड़ होती है और जीतने वाले को इनाम दिया जाता है।थ्रिकेटा
इस दिन सभी लोग आपस में मिलते हैं। गिफ्ट एक दूसरे को दिये जाते हैं और कई रंगारंग कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये जाते हैं।मूलम
इस दिन मंदिरों में भोज का आयोजन किया जाता है साथ ही रंगोली को नए तरीके से सजाया जाता है।पुरदम
भगवान विष्णु के अवतार वामन और राजा महाबलि की मिट्टी की मूर्तियां इस दिन बनाई जाती है।उत्तरदम
इसे वास्तम में पहला ओणम कहा जाता है। इस दिन महाराज महाबलि के लिये फूलों का गलीचा सजाया जाता है।थिरु ओणम
ओणम के अंतिम दिन को दूसरा ओणम भी कहा जाता है। इस दिन पूरे केरल में ओणम की धूम रहती है। लोग सुबह जल्दी उठ कर स्नान करते हैं। नए कपड़े डालते हैं। भगवान की पूजा करते हैं। पूरा दिन खाने पीने और नाचने गाने का कार्यक्रम चलता है।To read this article in English, click here