परिप्पल्ली के श्री भद्रकाली मंदिर में होने वाले उत्सवों में कुंभम में कालियूटू और मीनम (फरवरी-मार्च) में भारनी उत्सव का आयोजन होता है। कालीयूटू दारिका और भद्रकाली के बीच हुए युद्ध के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह भद्रकाली उग्र रूप की देवी मन्दिर है। समापन के दिन विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ इस गजमेले में लगभग 50 हाथी शामिल होते हैं। इस मंदिर में आयोजित होने वाले अरातू उत्सव हर साल मीनम (मार्च-अप्रैल) में होती है,जिसकी शुरुआत उथरम दिवस के दिन अरातू के अंत के साथ कार्तिक वाले दिन कोडियेटू (झंडोत्तोलन) के साथ होती है।
यह उत्सव दस दिनों तक चलता है। हर दिन इस उत्सव में औसतन दस हजार लोग शामिल होते हैं। सुसज्जित हाथियों की अगुवाई में एक रंगारंग झांकी निकलती है, जिसमें सिल्क के कपड़े, छतरियां, मोरपंख आदि से सजावट की जाती है। यह इस उत्सव का मुख्य आकर्षण होता है। चिराइनकीजू रेलवे स्टेशन के निकट सरकारा गांव में सरकारा भगवती मंदिर स्थित है। यह त्योहार वर्ष में एक बार मनाया जाता है और मंदिर के आस पास का क्षेत्र विभिन्न उत्सवों और प्रार्थनाओं से जीवंत हो जाता है। केट्टूकज्ह्चा रंगों और उत्साहों से भरा होता है और दर्शकों के लिए एक सुखद अनुभव प्रस्तुत करता है|
परिप्पल्ली गजमेला कब मनाया जाता है ?
यह उत्सव हर वर्ष फ़रवरी-मार्च में मनाया जाता है|परिप्पल्ली गजमेला स्थल कैसे पहुचें ?
निकटतम रेलवे स्टेशन: कोल्लम, यहां से लगभग 23 किमी दूर।
निकटतम हवाईअड्डा: तिरुवनंतपुरम अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा, यहां से लगभग 48 किमी दूर।
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