रक्षाबंधन का पर्व सैंकड़ो सालों से चला आ रहा है। वक्त के साथ साथ इसमें कुछ बदलाव आए हैं, लेकिन मूल भाव इसका आज भी स्पष्ट ही है। इस त्योहार की सबसे बड़ी खासियत है इसकी सादगी। चाहे अमीर हो या गरीब, ये त्योहार सबके लिये एक जैसा ही है। कच्चे धागे में भी उतनी ही ताकत है और रेशम के धागे में भी उतनी ही। राखी की आहट तो इसके आने से करीब 20 दिन पहले ही शुरू हो जाती है जब बाज़ारों में जगह जगह रंग बिरंगी राखियां लटकी हुई नज़र आती हैं। नई नई राखियां खरीदी जाती हैं। जिनके भाई विदेश में हैं या दूर रहते हैं वो उन्हें पहली ही पोस्ट करना शुरू कर देती हैं। ऑानलाइन गिफ्ट खरीदे और भेजे जाते हैं। हर जगह बस चटकीले रंग की राखियां और गिफ्ट पैक ही दिखते हैं।

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राज्यों में अलग त्योहार

राखी का त्योहार देश के कई भागों में थोड़ा अलग तरीके से भी मनाया जाता है। इस दिन कई और त्योहार भी होते हैं। चलिये दखते हैं कि कहां कहां क्या क्या मनाया जाता है।

नारियल पूर्णिमा

नारियल पूर्णिमा या नारियल उत्सव महाराष्ट्र, गुरजरात और गोआ में मनाया जाता है। ये पूरे चांद के दिन ही आता है। इसी दिन रक्षाबंधन भी होता है। ये उत्सव अधिकतर मछुआरे या जो समुद्र किनारे रहते हैं वो मनाते हैं। इस दिन भगवान वरुण के नाम पर समुद्र में नारियल चढ़ाया जाता है।

अवनी अवित्तम या उपाकर्म

इस पूर्णिमा को दक्षिण के इलाकों में अवनी अवित्तम कहा जाता है। ये केरल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और ओडिशा में मनाया जाता है। इस दिना का ब्राह्मणों की जिंदगी में खासा महत्व है। वो इस दिन अपना पवित्र धागा या जनेऊ बदलते हैं। पुराने को उतार कर नहाया जाता है और फिर नाया धागा पहना जाता है।

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कजरी पूर्णिमा

राखी के दिन ही कजरी पूर्णिमा भी होती है। ये पूर्णिमा मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में ममनाई जाती है। जिन विवाहिताओं को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई होती है वो इसे मनाती हैं।

पवित्रोपना

रक्षा बंधन के दिन आने वाले इस पर्व को गुजरात में बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है। इस दिन भगवाने शिव की पूजा की जाती है और भक्त भगवान शिव पर पानी चढ़ाते हैं।

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रक्षा बंधन का वीडियो




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