रक्षाबंधन का त्योहार भाई को हर तरह की विपत्तियों से बचाता है। कलाई पर बंधी हुई राखी एक सुरक्षा धागे का काम करती है। राखी बांधने से पहले पूजा की जाती है। इस पूजा का एक तरीका होता है। चलिये आपको बताते हैं कि पूजा की थाली में क्या क्या रखें और कैसे आरती उतार कर राखी बांधें।

उम्र के हिसाब से राखियां



राखाियां कई तरह की होती हैं। ये बहन का काम होता है कि वो हर किसी के हिसाब से राखी ढूंढे। चलिये हम आपकी मदद कर देते हैं।
--भाई की शादी हो चुकी है तो उसे सादी रेशम की राखी बांधें
--भाई अभी कुंवारा है तो डिजाइनर और चकलिया राखी बांधें
-बच्चों के लिये टेडी बीअर या प्यारे डिजाइन वाली राखी

पूजा की थाली



-थाली को डिजाइनर कपड़े से सजा लें
-भाई को बांधने वाली राखियां रखें
-तिलक लगाने के लिये कुमकुम
-फूल, चावल, नारियल और मिठाई
-सिर ढंकने के लिये रुमाल
-आरती उतारने के लिये दीपक
-अगर भाई को अलग से कुछ और भी गिफ्ट देना है तो वो भी रख सकते हैं

रक्षाबंधन पूजा

 
-भाई का सिर रुमाल से ढंकें
-पहले भाई की दाहिनी कलाई पर राखी बांधें
-अब माथे पर तिलक लगाकर, चावल और फूल सिर लगाएं
-दीये से आरती उतारें
-कोई गिफ्ट देना है तो दे सकते हैं

भाई देता है वचन

राखी बांधने के बाद भाई अपनी बहन को वचन देता है। ये वचन हमेशा उसके लिये खड़े रहने और सुरक्षा करने का होता है या बहन कुछ मांगे तो उसे पूरा करने का वचन। हालांकि आज के दौर में बहनों को गिफ्ट देने का प्रचलन बन चुका है।

राखी के लिए शुभ मुहुर्त

इस बार राखी बांधने के लिए काफी लंबा मुहूर्त मिलेगा।  रक्षाबंधन पर लगभग 13 घंटे तक शुभ मुर्हूत रहेगा। जबकि दोपहर 1:43 से 4:20 तक राखी बांधने का विशेष फल मिलेगा।  सुबह 5 बजकर 49 मिनट से शाम 6 बजकर 01 मिनट तक राखी बांध सकेंगी। राखी बांधने के लिए 12 घंटे 58 मिनट का समय मिलेगा। शुभ मुहूर्त दोपहर में साढ़े तीन घंटे रहेगा।


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October (Ashwin / Karthik)