आज जिस भारत में हम गर्व के साथ रह रहे हैं उसकी रुप रेखा सरदार वल्लभ भाई पटेल जी ने ही तैयार की थी। छोटी छोटी रियासतों को इकट्ठा कर के सरदार पटेल ने एक देश बनाया था। साल 2014 में सरदार वल्लभ भाई पटेल जी के जन्मदिवस की तारीख यानि 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस बनाने का ऐलान किया गया था, तबसे हर साल इस दिन एकता दिवस मनाया जाता है। राष्ट्रीय एकता दिवस की शुरूआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में “रन फॉर यूनिटी” के साथ की थी।

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लौह पुरुष वल्लभभाई पटेल

वल्लभ भाई पटेल का जन्म गुजरात के नडियाद में सन 1875 को हुआ था। प्रारंभिक पढ़ाई उन्होंने ज्यादातर खुद ही की और बाद में लन्दन जाकर बैरिस्टर की पढ़ाई की। महात्मा गांधी से प्रेरित होकर वो स्वतंत्रता आंदोलन में कूद गए। इन्होंने कई आंदोलनों में बढ़ चढ़ कर भाग लिया। आजादी के बाद प्रधानमंत्री पद के लिये कई नेता पटेल जी को चाहते थे, लेकिन गांधी जी की इच्छा को देखते हुए पटेल जी ने खुद को दूर ही रखा। सरदार पटेल को उपप्रधानमंत्री का पद और गृह मंत्रालय दिया गया।
गृह मंत्री होने के तौर पर उनका मुख्य काम था देश भर में फैली छोटी छोटी रियासतों को इकट्ठा करके भारत में मिलाना। उन्होंने बिना किसी परेशानी के सारी रियासतों को भारत के साथ मिला लिया। हालांकि कश्मीर का जिम्मा नेहरू जी के पास ही था। भारत को एक साथ जो़ड़ने पर उन्हें लौह पुरुष की उपाधि दी गई।

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राष्ट्रीय एकता दिवस

भारत कई साल गुलाम रहा। कभी मुगल आ गए तो कभी अंग्रेज। हमेशा कोई ना कोई हमें गुलाम बनाकर रखता रहा। इसका सबसे बड़ा कारण था भारत का अलग थलग होना। यहां कभी एकता थी ही नहीं। हर कोई अपना अपना घर देखता था और देश की चिंता किसी को नहीं होती थी फिर अंत में कोई बाहर से आता था और सभी को हरा कर गुलाम बना लेता था। जिस तरह से पटेल जी ने पहली बार भारत की रियासतों को साथ में जोड़कर देश बनाया वैसे ही आज भी हम सबको साथ में जुड़कर रहने की जरूरत है। आज हर क्षेत्र में हम अपने पांव फैला रहे हैं। दूसरे देशों की बुरी नज़रें भी हम पर गड़ी हुई हैं, ऐसे में हमें इकट्ठे रहने की जरूरत है। अगर हम आपस में ही धर्म, जाति या लिंग के आधार पर लड़ते रहे तो फिर से कोई बाहर का आकर हमें पहले कमजोर करेगा और फिर अपना राज स्थापित कर देगा। इसलिये हमें सारी बातें भुला कर एक साथ मिलकर हंसते खेलते हुए रहना चाहिए।

कैसे मनाएं एकता दिवस?

एकता दिवस पर एकता का परिचय देने वाले कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। जगह जगह मेराथन आयोजित की जाती हैं। सर्वधर्म लंगर लगते हैं। भाषण प्रतियोगिताएं होती हैं। विदेशी ताकतों को तस्वीर दिखाई जाती है कि हमसे बच कर रहें, क्योंकि हम सब एक हैं और एक साथ हमें कोई नहीं हरा सकता।

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