धर्म के अनुसार त्यौहार – भारत एक धर्म अनेक
हिंदू त्यौहार | मुस्लिम त्यौहार | ईसाई त्यौहार | जैन त्यौहार
सिख त्यौहार | सिंधी त्यौहार | बौद्ध त्यौहार | पारसी त्यौहार
जैन धर्म
जैन धर्म भगवान के नहीं बल्कि स्वयं के धर्मशास्त्र में विश्वास रखता है। यह अहिंसा, अपरिग्रह और अनेकांतावाद में विश्वास रखता है। जैनियों के इतिहास के अनुसार इस धर्म के कुल 24 प्रचारक थे जिन्हें तीर्थांकर कहा जाता है। इनमें ऋषभ सबसे पहले और महावीर सबसे अंतिम थे। इस धर्म के अनुयायी पांच प्रतिज्ञाएं करते हैं जिनमें अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रहम्चर्य और अपरिग्रह शामिल हैं। जैन साल भर कई त्यौहार मनाते हैं। त्यौहार तीर्थंकरों के जन्म और मृत्यु से जुड़े होते हैं। जैनों के स्वेतांबर संप्रदाय द्वारा प्रचलित महत्वपूर्ण त्यौहार पर्यूषण पर्व हैं। जैन धर्म में महावीर जयंती और महामस्तक अभिषेक की जयंती मनाई जाती है जिसका मतलब है कि कर्नाटक के श्रवणबेलगोला शहर में मनाया जाने वाला बहावली का भव्य औपचारिक अभिषेक। जैन धर्म के लोग बहुत सारे रीति-रिवाज़ और धार्मिक रस्मों को त्योहार के रुप में मनाते हैं। इनके रीति-रिवाज़ विभिन्न तरीकों में मूर्ति पूजा से संबंधित है और त्योहार तीर्थांकरों की जीवन की घटनाओं से संबंधित है जो आत्मा की शुद्धि में शामिल थे। इनके रीति-रिवाज़ दो भागों में विभाजित होते हैं कार्या और क्रिया। जैन धर्म में महावीर जयंती, पर्यूषण पर्व, दीपावली और मौन अगियारा जैसे कई त्यौहार मनाए जाते हैं।जैन धर्म से जुड़े त्यौहार
महामस्तक अभिषेकदीप दिवाली
पर्यूषण पर्व