धर्म के अनुसार त्यौहार – भारत एक धर्म अनेक

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सिख त्यौहार | सिंधी त्यौहार | बौद्ध त्यौहार | पारसी त्यौहार


पारसी धर्म

पारसी धर्म को यहूदी धर्म भी कहते हैं इसके अनुसार भगवान और यहूदियों के बीच में एक पवित्र रिश्ता है। पारसी धर्म के लोग मानते है कि मनुष्य भगवान का सहायक होता है। इस धर्म का पालन करने वालों को पारसी कहा जाता है। पारसी धर्म को 'ज़रथुष्ट्र धर्म' भी कहा जाता है, क्योंकि संत ज़रथुष्ट्र ने इसकी शुरुआत की थी पारसी समुदाय हिंदुओं, की तुलना में भारत में अपेक्षाकृत छोटा सा समुदाय है। वे ज्यादातर गुजरात और मुंबई में केंद्रित हैं। इनकी कम संख्या के कारण इनके त्यौहार ज्यादतर दिखलाई नहीं पड़ते हैं। पारसी धर्म को अच्छे विचारों, अच्छे शब्दों और अच्छे कर्मों के तीन सिद्धांतों पर स्थापित किया गया है। पारसी समुदाय के लिए पारसी नववर्ष आस्था और उत्साह का संगम है। पारसी नववर्ष को 'नवरोज' कहा जाता है। पारसी समाज में अग्नि का भी विशेष महत्व है और इसकी खास पूजा भी की जाती है। इस ज्योत में बिजली, लकड़ी, मुर्दों की आग के अलावा तकरीबन 8 जगहों से अग्नि ली गई है। इस ज्योत को रखने के लिए भी एक विशेष कमरा होता है जिसमें पूर्व और पश्चिम दिशा में खिड़की, दक्षिण में दीवार होती है। पारसी नववर्ष का त्योहार दुनिया के कई हिस्सों में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है जिसमें ईरान, पाकिस्तान, इराक, बहरीन, ताजिकिस्तान, लेबनान तथा भारत में भी यह दिन विशेष तौर पर मनाया जाता है।

पारसी धर्म से जुड़े त्यौहार

गहमबर्स
जमशेद नवरोज़ (पारसी नव वर्ष)
खोरदाद साल
ज़र्थोस्ट नो डीसो
पपेटी

Forthcoming Festivals