कैसे मनाया जाता है तोखू इमोंग
तोखू इमोंग 9 दिन तक चलता है। अगर कोई उस गांव में इसके शुरू होने के वक्त मौजूद होता है तो उसे 9 दिन वहीं रहने को कहा जाता है। फसल कट चुकी होती है। भगवान का धन्यवाद भी किया जा चुका होता है। हर कोई अपनी ताजी कटी हुई धान से कुछ हिस्सा दान देते हैं और ये कहा जाता है कि दान देने में कंजूसी की तो अगले साल उसकी फसल बर्बाद हो जाएगी। पुराने चावलों से बीयर बनाई जाती है जो कि इस दौरान पी जाती है। तोखू इमोंग को देखना और वहां के परस्पर प्रेम को महसूस करना वाकई बहुत सुकून देने वाला होता है। शहर की भाग दौड़ से दूर पहाड़ियों के बीच, बिना किसी परवाह के सभी लोग खाते पीते और नाचते गाते हैं। उन्हे देख कर लगता है कि वो लोग अपनी पूरी जिंदगी खुलकर मजे से जी रहे हैं।To read this article in English click here