तुला संक्रांति के वक्त सूर्य तुला राशि में प्रवेश कर जाते हैं। तुला संक्रांति पूरे साल में होने वाली 12 संक्रांतियों में से एक है। तुला संक्रांति कार्तिक महीने में आती है। तुला संक्रांति यूं तो पूरे देश में मनाई जाती है, लेकिन ओडिशा और कर्नाटक में खास तौर पर इसकी धूम रहती है। कर्नाटक के कुर्ग जिल में तुला संक्रांति के दिन माता कावेरी की पूजा की जाती है।
 

परंपरा

ओडिशा में तुला संक्रांति का वक्त जो होता है उस दौरान धान के पौधों में दाने आना शुरू हो जाते हैं। इसी खुशी में मां लक्ष्मी का आभार जताने के लिये एक दम ताजे धान चढ़ाए जाते हैं। कई इलाकों में गेहूं और कारा पौधे की टहनियां भी चढ़ाई जाती हैं।  मां लक्ष्मी से प्रार्थना की जाती है कि वो उनकी फसल को सूखा, बाढ़, कीट और बीमारियों से बचाके रखें और हर साल उन्हें लहलहाती हुई ज्यादा फसल दें।
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कैसे मनाया जाता है

इस दिन लोग नए कपड़े डालते हैं और कई तरह के पकवान बनाते हैं। सारे परिवार के लोग एक साथ बैठ कर दोपहर का भोजन करते हैं। यही दुआ की जाती है कि आने वाले पूरे साल में उनको भरपूर अनाज मिलता रहे।
   
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