पूजा सामग्री
-आंवले का वृक्ष या टहनियां-कलश में पानी
-दूध
-मौली, टीका, चावल, गुड़, बताशे
-कच्चा सफेद धागा
-धूप, दीपक
पूजा विधि
-सुबह जल्दी उठ कर स्नान करें
-आंवले के वृक्ष के नीचे बैठें
-आंवले की जड़ों पर दूध चढ़ाएं
-वृक्ष के तने पर कच्चा सफेद धागा लपेटें
-धूप, दीप और तिलक लगाएं
-आंंवले के वृक्ष के सात फेरे लें
-आंवले के पेड़ के नीचे भोजन करें
मान्यता
माना जाता है कि आंवला नवमी के दिन आंवला वृक्ष पर खुद भगवान विष्णु और भगवान शिव मौजूद होते हैं। यही नहीं आचार्य चरक ने अपने लेखों में लिखा है कि इस दिन महर्षि च्यवन ने आंवला खाया था और उनका शरीर फिर से जवान हो गया था। अगर इस दिन कोई ये उपाय करे तो फिर से तंदरुस्ती मिल सकती है। हालांकि ये मेडिकल साइंस ने भी माना हुआ है कि आंवले में रोग खत्म करने वाले कई गुण होते हैं।To read this article in English click here