कोचीन कार्निवल हर साल दिसंबर के आखिरी सप्ताह में आयोजित किया जाता है। यह कार्निवल ज्यादातर साल के आखिरी 10 दिनों के दौरान आयोजित होता है जो नए साल के आगमन के साथ समाप्त होता है। केरल के शहर कोच्चि में आयोजित कार्निवल एक ऐसा कार्यक्रम है जो पूरे कोच्चि में हर साल बहुत भव्य तरह से आयोजित किया जाता है। कोच्ची कार्निवल पुराने साल को खुशी से अलविदा कहने का सबसे अच्छा माध्यम है। नए साल में कदम रखने से पहले कोचिन कार्निवल में आकर लोग खूब जश्न मनाते हैं और गुज़रते साल के हर पल को जीते हैं। इस कार्निवल का साल भर बेसब्री से इंतजार किया जाता है। कोच्चि साल के इस आखिरी हफ्ते में कोच्चि को दुल्हन की तरह सजाया जाता है। आपको बता दें कि कोच्चि को अरब सागर की रानी के नाम से भी जाना जाता है। कोचीन कार्निवल अपने सार्वजनिक उत्सव, परेड और पार्टियों के लिए जाना जाता है जो न केवल देश के भीतर बल्कि विदेशी पर्यटकों को भी आकर्षित करता है। इस कार्निवल की एक बड़ी ही दिलचस्प रस्म है जिसके अनुसार कार्निवल के दौरान पुर्तगाली रस्म के अंतर्गत हर साल 31 दिसंबर की रात को एक बूढे आदमी का पुतला जलाया जाता है।
कोचीन कार्निवल का इतिहास
इस रंगीन कार्निवल की उत्पत्ति 16 वीं शताब्दी में भारत में पुर्तगाली शासन के दौरान हुई थी। कोचीन भारत में पुर्तगालियों का मुख्यालय था। वह पुर्तगाली थे जिन्होंने इस उत्सव को नए साल का स्वागत करने के लिए एक उत्सव के रूप में शुरू किया था। इस कार्निवल में एक बूढ़े व्यक्ति का पुतला भी जलाया जाता है। इस परंपरा की शुरुआत 33 साल पहले सन् 1984 में हुई थी जब एक बूढे यूरोपियन आदमी समुद्र तट पर आग में कूद गया था। इस पंरपरा को आगे बढ़ाते हुए स्थापनीय लोग एक मंत्री का पुतला बनाते हैं और खुद पर अत्याचार करने के बदले उसे पत्थर मारकर जला देते हैं। ये परंपरा नए साल की शुरुआत से पहले सभी बुराईयों को खत्म करने का प्रतीक है। ऐसा कहा जाता है कि पुर्तगाली शासक के नए साल के जश्न भव्य दलों के साथ चिह्नित किया गया था। यह परंपरा शहर में हमेशा जारी रही और स्थानीय संस्कृति का हिस्सा बन गई। केरल के लोग इस तथ्य से परिचित थे कि भारत में पहला पुर्तगाली किला वास्को-दी-गामा द्वारा कोचीन में स्थापित किया गया था। इस पुर्तगाली द्वारा क्रमशः 1503-1663 से कोचीन पर शासन किया गया था। उस समय, उन लोगों द्वारा नए साल का जश्न मनाया गया था। केरल में पुर्तगाली शासन के अंत के बाद, पूरे कोच्चि शहर ने समारोहों में भाग लिया और इस उत्सव का आनंद लेने लगे। जब एक व्यक्ति कोचीन कार्निवल नाम सुनता है, तो उसके मन में इसकी भव्यता को लेकर चित्र बनने लगते हैं। कोचीन कार्निवल सभी लोगों के लिए मस्ती और उत्साह भरने का एक अवसर होता है। कोचीन कार्निवल एक त्यौहार है जहां सभी उम्र के लोग आनंद ले सकते हैं।
समारोह
आज कोचीन कार्निवल अतीत और वर्तमान दोनों की संस्कृति और परंपरा का एक भव्य उत्सव है। यह पुर्तगाली, डच, गुजराती, कोंकणी, मलाली, आंध्र, कन्नड़, तमिल, अरब, पंजाबी और एंग्लो भारतीय संस्कृति जैसे क्षेत्र में पाए जाने वाले विभिन्न संस्कृतियों का एकीकरण है। कोचीन कार्निवल का उद्देश्य शांति, प्रगति, पर्यावरण, भागीदारी और साहस जैसे पांच सिद्धांतों को बढ़ावा देना और बनाए रखना है। फोर्ट कोची इस कार्निवल के दौरान उत्सव दिखता है। आकर्षक रंगीन वस्त्रों में सैकड़ों लोग इस जगह पर आनंद लेने के लिए सम्मिलित होते हैं। इस कार्निवल में भाग लेने के लिए समूह में लोग शामिल होंते हैं। कलाम वारा (फर्श ड्राइंग), टग-ऑफ-वॉर, साइकिल दौड़, समुद्र में तैराकी, समुद्र तट वॉलीबॉल जैसे कई खेल कार्निवल उत्सव के दौरान प्रमुख आकर्षण हैं। कला शो, भोजन त्यौहार, रंगीन रैलियां और मेलें कार्निवल में चार चांद लगा देती हैं। यह उत्सव 31 दिसंबर की मध्यरात्रि तक जारी रहता है। फोर्ट कोच्चि के सभी घरों और इमारतों को लाइटों और रंग-बिरंगी सजावट से फेस्टिव लुक दिया जाता है। वास्कोइ डि गामा स्कयवायर और सड़कों पर इस मौके पर पारंपरिक कपड़ों और ज्वे लरी आदि स्टॉगल लगती हैं। इस 10 दिवसीय त्यौहार के समापन दिवस पर पूरे शहर सफेद पेपर बुनिंग पहनने वाली सभी इमारतों के साथ सफेद हो जाता है। सफेद शांति का प्रतीक होचा है। सड़कों पर आतिशबाजी के साथ कई जुलूस आयोजित किये जाते है। जुलूस में ड्रम और संगीत, रंगीन फ्लोट, विभिन्न लोक कला रूपों, पंचवद्यम के साथ इस समारोह का समापन किया जाता है। भारत के विभिन्न राज्यों एवं विदेशी पर्यटकों के साथ लगभग 2 लाख लोग इस कार्निवल में सम्मिलित होते हैं। यहां की वार्षिक सांस्कृतिक रैलियां राजनीतिक मुददों पर भी भारी होता है।
सुरक्षा व्यवस्था
कोच्ची में कोचीन कार्निवल के समय सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी जाती है। सार्वजनिक, अतिथि और पर्यटन हितधारकों के सदस्य हर साल कार्निवल और नए साल के जश्न के संबंध में बढ़े हुए सुरक्षा उपायों पर आम तौर से खुश होते हैं। पिछले वर्षों के दौरान सार्वजनिक उपद्रव और अश्लीलता के मंचन के लिए उठाए गए कदमों के कारण कार्निवल में और रैली में महिलाओं और बच्चों की भागीदारी में वृद्धि हुई है। बढ़ी हुई पुलिस उपस्थिति और विभिन्न सड़कों कों सुरक्षा से युक्त करने का फैसला इस उत्सव में और जोश एवं उमंग बढ़ा देता है। जिसके कारण बेफिक्र होकर लोग कोच्चि कार्निवल का लुत्फ उठा पाते हैं।
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