भारत एक रंग-बिंरगी भूमि है। यहां हर जाति-हर धर्म के लोग एक साथ मिलकर रहते हैं। भारत के हर राज्य के प्रत्येक समुदाय का अपना-अपना त्यौहार है। यहां के त्यौहारों की खासियत ही यहीं है कि आधुनिक युग में भी यह पारंपरिक बने हुए हैं। भारत के प्रत्येक त्यौहार की अपनी ही खुबसुरती है। भारत के पूर्वोत्तर राज्य में स्थित नागालैंड अपनी प्राकृतिक सुंदरता के साथ अपनी संस्कृति के लिए भी प्रसिद्ध है। नागालैंड की जनजातियां अपने त्यौहारों को उत्साह और उमंग के साथ मनाती हैं। नागालैंड की 60% से अधिक आबादी कृषि पर निर्भर करती है और इसलिए उनके अधिकांश त्योहार कृषि के इर्द-गिर्द ही घूमते हैं। वे अपने त्योहारों को पवित्र मानते हैं और इन त्यौहारों में लोगों की भागीदारी अनिवार्य है।  नागालैंड को त्योहारों की भूमि के रूप में जाना जाता है क्योंकि प्रत्येक जनजाति समर्पण और जुनून के साथ अपना त्यौहार मनाती है। मनाए गए कुछ महत्वपूर्ण त्यौहार हैं: जनवरी में चचेसंग्स द्वारा तुखुनी, जनवरी में कुकिस द्वारा मिमकुट, जनवरी में कचरिस द्वारा बुशू, फरवरी में अंगमिस द्वारा सेक्रेंनी, अप्रैल में कोनीक्स द्वारा एओलिंग, मई में एओएस द्वारा मोत्सु, जुलाई में सुमीस द्वारा तुलुनी, जुलाई में परिवर्तन द्वारा न्याकनिलम, नवंबर में लोथस द्वारा तोखु इमोंग और अक्टूबर में पोचुरिस द्वारा यमेशे। इन्हीं त्यौहारों में से एक हार्नबिल महोत्सव है। नागालैंड में 1 से 10 दिसम्बर के बीच हॉर्नबिल महोत्सव मनाया जाता है। जिसमें नागालैंड की संस्कृति देखने को मिलती है। तरह-तरह के नागा पकवान, लोकनृत्य और कहानियां इस फेस्टिवल का खास हिस्सा है। हॉर्नबिल फेस्टिवल की सबसे खास बात ये है कि देश-विदेश से पर्यटक इस फेस्टिवल में शामिल होने के लिए आते हैं। हॉर्नबिल त्योहार का नाम हॉर्नबिल पक्षी के नाम पर रखा गया है। यह पक्षी अत्यधिक सम्मानित है और इसका महत्व आदिवासी लोकगीत, गीत और नृत्य में परिलक्षित होता है।

हॉर्नबिल महोत्सव

हार्नबिल त्यौहार का महत्व

अंतर-जनजातीय बातचीत को प्रोत्साहित करने और नागालैंड की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने के लिए, नागालैंड सरकार हर साल दिसंबर के पहले सप्ताह में हॉर्नबिल महोत्सव का आयोजन करती है। पर्यटन निदेशालय, नागालैंड, हॉर्नबिल महोत्सव द्वारा आयोजित एक छत के नीचे सांस्कृतिक प्रदर्शनों का एक मिश्रण दिखाता है। यह उत्सव आमतौर पर कोहिमा में दिसंबर के पहले सप्ताह के बीच होता है। हॉर्नबिल फेस्टिवल नागा हेरिटेज गांव, किसामा में आयोजित है जो कोहिमा से लगभग 12 किमी दूर है। नागालैंड की सभी जनजातियां इस त्योहार में भाग लेती हैं। त्यौहार का उद्देश्य नागालैंड की समृद्ध संस्कृति को पुनर्जीवित और संरक्षित करना और इसके असाधारण और परंपराओं को प्रदर्शित करना है। आगंतुकों के लिए इसका मतलब नागालैंड के लोगों और संस्कृति की नज़दीकी समझ है। यदि आप नागालैंड के भोजन, गीत, नृत्य और रिवाज का आनंद लेने के लिए उस समय नागालैंड जा रहे हैं, तो इसे आपके यात्रा कार्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए।

हॉर्नबिल महोत्सव की विशेषताएं

हॉर्नबिल महोत्सव  सप्ताह तक लंबा चलने वाला त्यौहार है। जो सभी को एकजुट करता है। लोग रंगीन प्रदर्शन, शिल्प, खेल, भोजन मेले, खेल और धार्मिक समारोहों का आनंद लेते हैं। माना जाता है कि नागालैंड के लोग खुद को गर्म रखने के लिए शराब का सेवन करते हैं, लेकिन इस फेस्टिवल के दौरान यहां शराब ब्रिकी पर रोक लगा दी जाती है।  फेस्टिवल में सबसे तीखी मिर्चों की प्रदर्शनी भी लगाई जाती है। परंपरागत कला जिसमें पेंटिंग्स, लकड़ी की नक्काशी और मूर्तियां शामिल हैं, वो भी प्रदर्शित की जाती है। महोत्सव की मुख्य विशेषताएं पारंपरिक नागा मोरंग्स प्रदर्शनी और कला और शिल्प, खाद्य स्टालों, हर्बल दवा स्टालों, फूलों के शो और बिक्री, सांस्कृतिक मेडली-गानों और नृत्य, फैशन शो, सौंदर्य प्रतियोगिता, पारंपरिक तीरंदाजी, नागा कुश्ती, स्वदेशी खेल और संगीत की बिक्री शामिल हैं। हॉर्नबिल फेस्टिवल में विदेशी कलाकार और सेलिब्रिटी भी परफॉमेंस देते हैं। फेस्टिवल के दौरान प्लास्टिक पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया जाता है।  कुश्ती के लिए पुरुष कई दिनों पहले से ही प्रैक्टिस शुरू कर देते हैं।  सात दिवसीय इस महोत्‍सव में नागा जनजाति के समृद्ध और जीवंत संस्‍कृति को दर्शाया जाता है। इस महोत्‍सव का  नाम हॉर्नबिल पक्षी के नाम पर रखा गया है इस पक्षी के पंख नागा समुदाय के लोगों द्वारा पहनी जाने वाली टोपी का हिस्‍सा होते हैं। इस समारोह में नृत्‍य प्रदर्शन, शिल्‍प, परेड, खेल, भोजन के मेले और कई धार्मिक अनुष्‍ठान होते हैं। इस महोत्‍सव में शामिल होने वाले पर्यटक अपने साथ अपने घर यहां के नागा जीवन से जुड़े पारम्‍परिक चित्रों, लकड़ी की नक्‍काशी वाले सामानों, शॉल और मूर्तियों को ले जा सकते हैं। इस उत्‍सव का सबसे बड़ा आकर्षण यहां के नागा नायकों की बहादुरी की प्रशंसा में गाए जाने वाले गीत हैं। यह गांव नागा के जीवन और उनके इतिहास के बारे में झलक दिखाता है।

नागालैंड के बारे में

भारत के उत्तर-पूर्वी छोर पर एक जीवंत राज्य, नागालैंड पूर्व में म्यांमार से घिरा हुआ है; पश्चिम में असम; अरुणाचल प्रदेश और दक्षिण में मणिपुर के साथ उत्तर में असम का एक हिस्सा है। यह भारतीय संघ का 16 वां राज्य है और औपचारिक रूप से 1 दिसंबर, 1963 को उद्घाटन किया गया था। लोकगीत और संगीत नागालैंड की जनजातीय संस्कृति के अभिन्न अंग हैं। नागालैंड में रहने वाले 16 जनजातियां और उप जनजातियां हैं। प्रत्येक जनजाति के अपने विशिष्ट परिधान, गहने और कस्टम है। नागालैंड त्यौहारों की भूमि है और प्रत्येक जनजाति अपने स्वयं के त्यौहार को मज़ेदार और आनंद के साथ मनाती है। अधिकांश त्यौहार कृषि के चारों ओर घूमते हैं क्योंकि यह मुख्य रूप से एक कृषि समुदाय है। नागालैंड की तरह ही यहां के त्यौहार भी बहुत सुंदर होते हैं।

 
हॉर्नबिल महोत्सव



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