इस दिन लोग सुबह जल्दी उठ कर अपने उपकरणों और यंत्रों को पानी से साफ करके उनकी पूजा करते हैं। वहीं दुकानदार अपनी दुकान की और अन्य अपने अस्त्र-शस्त्रों की पूजा करते हैं। मुख्यत: मां सरस्तवी का ध्यान किया जाता है। साथ ही मां लक्ष्मी और मां पार्वती की भी उपासना की जाती है। अधिकतर लोग इस दिन भगवान राम के मंदिर जाते हैं। इस बार ये मेला अक्टूबर को आ रहा है।
मेला
शाम के वक्त लगने वाले मेले की रौनक देखने वाली होती है। हर जगह रंगबिरंगी दुकानें ही दुकानें नज़र आती हैं। बड़े बड़े झूले, लकड़ी का सामान, खाने पीने की रेहड़ियां और रंगारंग कार्यक्रम। हर तरफ हंसी और मुस्कुराहटों की आवाजें, अलग अलग परिधानों में आए लोग सबका मन मोह लेते हैं। मेले में जाकर एक सेकेंड के लिये भी आप ऊबा हुआ महसूस नहीं करोगे।To read this article in English click here