इस वर्ष को पूरी दुनिया नववर्ष के रूप में मनाती है | हिंदू धर्म में प्रचलित विक्रम संवत पंचांग के अनुसार हिंदुओं का नयावर्ष मार्च-अप्रैल के समय नवरात्रि के पर्व से आरंभ होता है| पश्चिमी पंचांग के अनुसार मनायें जाने वाला नववर्ष पूरी दुनिया में सभी धर्म, सभी जाति के लोग एक साथ मिलकर मानते है | दुनिया में बहुत से समूह-संप्रदाय,धर्म और जाति के लोग रहते है और हर एक संप्रदाय की अलग-अलग मान्यताएें है| कोई सूर्य पंचांग के अनुसार अपना नया वर्ष तय करता है, तो कोई चंद्र पंचांग के अनुसार नववर्ष मानता है| कई समूह ऐसे भी है, जो सूर्य और चंद्र दोनों पंचांगों के अनुसार नया वर्ष मनाते है |
नववर्ष मनाया जाता है ?
नववर्ष का जश्न पूरी दुनिया मे 31 दिसम्बर की शाम से ही अपने पूरे शबाब पर चढ़ने लगता है | पूरी दुनिया के देशों में, देशों के शहरों में, शहरों के गली-मोहल्लों में जश्न की जगमगाहट देखने को मिल जाती है | लोग रंगीन पेपर्स, गुब्बारें आदि से सजावट करते है | कई तरह के व्यंजन इस मौक़े के लिए तैयार किए जाते है | थिरकने वालें म्यूज़िक से पूरा माहौल गूँजता रहता है| लोग मौजमस्ती के साथ म्यूज़िक और डांस का मज़ा लेते है | इस शाम सभी को रात 12 बजने का इंतज़ार रहता है| लोग सैकेंड की लय पर 12 बजते ही आतिशबाज़ी करते हुए एक दूसरे को नये साल की बधाईयाँ देते है और केक खिलाकर एकदुसरे के साथ नयेवर्ष के आगमन की खुशियाँ मानते है |नववर्ष के उत्सव में एक प्रचलन और है संकल्प लेने का| लोग हर नये वर्ष में एक ऐसा संकल्प लेते है जिसे वह पूरे वर्ष निभा सके | लोग अक्सर अपने अंदर की कोई एक बुरी आदत बदलने के संकल्प से इस प्रथा को पूरा करते है और यह आशा करते है आने वाला पूरा साल उनके लिए खुशहाली लेकर आने वाला साबित हो |
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