इसी प्यार के रिश्ते को जाहिर करता है रक्षा बंधन या राखी का त्योहार।

इसे राखी पूर्णिमा के तौर पर भी जाना जाता है। यह त्योहार हिंदू चंद्र कैलेंडर के सावन माह में पूर्ण चंद्र के दिन होता है, जिसे पूर्णिमा कहा जाता है। राखी एक धर्मनिरपेक्ष त्योहार है। इसे पूरे देश में मनाया जाता है। राज्य, जाति और धर्म कोई भी हो, हर व्यक्ति इसे मनाता है। राखी मॉरीशस और नेपाल में भी मनाई जाती है। रक्षा बंधन का शाब्दिक अर्थ हुआ रक्षा का बंधन। भाई और बहन इस दिन एक-दूसरे के प्रति अपने नैसर्गिक प्रेम को प्रदर्शित करते हैं। भाई अपनी बहन को हर मुश्किल परिस्थिति में रक्षा करने और किसी भी अप्रिय स्थिति से बचाने का वचन देता है। बहनें अपने भाई की लंबी आयु की कामना करती हैं|
रक्षा बंधन की शुभ तिथि: सोमवार, 19 अगस्त 2024 दोपहर 01:46 बजे से शाम 04:19 बजे तक
रक्षा बंधन का इतिहास

महान ऐतिहासिक ग्रंथ महाभारत के मुताबिक एक बार भगवान कृष्ण, पांडवों के साथ पतंग उड़ा रहे थे। उस समय धागे की वजह से उनकी अंगुली कट गई। तब द्रोपदी ने बहते खून को रोकने के लिए अपनी साड़ी का कपड़ा फाड़कर उनकी अंगुली पर बांधा था। भगवान कृष्ण द्रोपदी के इस प्रेम से भावुक हो गए और उन्होंने आजीवन सुरक्षा का वचन दिया।
यह माना जाता है कि चीर हरण के वक्त जब कौरव राजसभा में द्रोपदी की साड़ी उतार रहे थे, तब कृष्ण ने उस छोटे से कपड़े को इतना बड़ा बना दिया था कि कौरव उसे खोल नहीं पाए। भाई और बहन के प्रतीक रक्षा बंधन से जुड़ी एक अन्य रोचक कहानी है, मौत के देवता भगवान यम और यमुना नदी की। पौराणिक कथाओं के मुताबिक यमुना ने एक बार भगवान यम की कलाई पर धागा बांधा था। वह बहन के तौर पर भाई के प्रति अपने प्रेम का इजहार करना चाहती थी। भगवान यम इस बात से इतने प्रभावित हुए कि यमुना की सुरक्षा का वचन देने के साथ ही उन्होंने अमरता का वरदान भी दे दिया। साथ ही उन्होंने यह भी वचन दिया कि जो भाई अपनी बहन की मदद करेगा, उसे वह लंबी आयु का वरदान देंगे। यह भी माना जाता है कि भगवान गणेश के बेटे शुभ और लाभ एक बहन चाहते थे। तब भगवान गणेश ने यज्ञ वेदी से संतोषी मां का आह्वान किया। रक्षा बंधन को शुभ, लाभ और संतोषी मां के दिव्य रिश्ते की याद में भी मनाया जाता है।
कैसे मनाते है?
बहनें अपने भाइयों के लिए पसंदीदा राखियां खरीदने के लिए काफी पहले से तैयारी करती हैं। कई बहनें अपने से दूर रह रहे भाइयों को पोस्ट के जरिए राखी भेजती हैं। भाई भी बहनों के लिए उपहार तलाशना शुरू कर देते हैं। यह इस बात पर निर्भर करता है कि उनके पास कितने पैसे हैं और उनका बजट क्या है। इंटरनेट के इस जमाने में, ऑनलाइन स्टोर से सीधे राखी और उपहार भेजने का चलन भी तेजी से बढ़ रहा है। कुछ तो वास्तविक राखियों के स्थान पर वर्चुअल राखियां देने की भी सोचते हैं। राखी के दिन हर घर में उत्साह का माहौल रहता है। पूरा परिवार एकजुट होता है। परिवार के सदस्य नए कपड़े पहनते हैं। महिलाएं और लड़कियां अपनी हथेलियों पर मेहंदी लगवाती हैं। मिठाइयां बनती हैं और हर घर में एक कार्निवाल-सी तैयारी होती है।घर के देवी-देवताओं की पूजा करने के बाद बहनें अपने भाई की आरती उतारती हैं। तिलक और चावल माथे पर लगाती हैं। बदले में भाई जिंदगीभर सुरक्षा का वचन देने के साथ ही उपहार भी बहनों को देते हैं।आजादी के बाद रवींद्र नाथ ठाकुर ने शांति निकेतन में राखी महोत्सव का आयोजन किया। वे पूरे विश्व में बंधुत्व और सह-अस्तित्व की भावना जगाना चाहते थे। यहां राखी मानवीय संबंधों में सद्भाव का प्रतीक है।सशस्त्र सेनाओं को भी इस दिन नहीं भूलाया जा सकता। वर्दी वाले यह जवान हमारी सीमाओं की रक्षा करते हैं ताकि हम यहां आराम से सुरक्षित रह सके। इस दिन सीमाई इलाकों के पास रहने वाले लोग बड़े पैमाने पर सशस्त्र सेनाओं से मिलने जाते हैं। सिपाहियों की कलाइयों पर राखी बांधते हैं।

राखी की आधुनिक अवधारणा
रक्षा बंधन अब खून के रिश्तों तक सीमित नहीं है, जो भाई और बहन के बीच ही रहे। आज, बहनें भी एक-दूसरे को राखी बांधकर एक-दूसरे को जीवनभर प्रेम और रक्षा करने का वचन देती हैं। दोस्त भी इस त्योहार को मनाने लगे हैं। आपसी रिश्ते को मजबूती देने और एक-दूसरे के प्रति अपने अहसास बताने के लिए। आज रक्षा बंधन एक व्यापक नजरिये को प्रस्तुत करता है। जीवनभर नैतिक, सांस्कृतिक और अध्यात्मिक मूल्य भी इसमें शामिल हैं। कोई भी रिश्ता किसी खास दिन या उत्सव का मोहताज नहीं होता। लेकिन त्योहार और खास दिन ही हमारी रोजमर्रा की बोरियत भरी जिंदगी से दूर करते हुए हमें आपसी रिश्तों और प्रेम के प्रतीक इन त्योहारों को मनाने को प्रेरित करते हैं। हम यहां हर एक को विश्व बंधुत्व और प्रेम को अभिव्यक्त करना चाहते हैं।क्या-क्या गिफ्ट दे सकते हैं
आप बाजार में एक से एक गिफ्ट देख सकते हैं, लेकिन जब बारी आती है बहनों को गिफ्ट देने की, तो अकसर भाई अपना सिर खुजाने लग जाते हैं। अगर आप भी मार्केट की खाक छानकर परेशान हो चुके हैं और समझ नहीं पा रहे है कि अपनी बहन को क्या गिफ्ट करें, तो परेशान न हों, आपकी परेशानी का हल हमारे पास है।ड्रेसेज
लड़कियों को नए नए कपड़ों से काफी लगाव होता है, इसलिये आज के ट्रेंड के हिसाब से सबसे लेटेस्ट कपड़े खरीद कर ले जा सकते हैं।स्पेशल डॉल्स फॉर डॉल
बहनें भाइयों के लिए गुड़िया की तरह होती हैं। इस बात को ध्यान में रखकर म्यूजिकल डॉल, स्पीकिंग डॉल, डांसिंग डॉल, सॉफ्ट टॉय डॉल जैसी कई वेराइटी आप अपनी बहन को दे सकते हैं। इन खूबसूरत डॉल्स पर बहनों के नाम भी प्रिंट किए जा रहे हैं। खास बात ये है कि ये डॉल्स हर एज ग्रुप की बहनों को लुभा रहे हैं।स्पा, अरोमा पैकेज
आज की भागदौड़ की लाइफ में आराम किसी के पास नहीं। अगर आप अपनी बहन को इस रक्षा बंधन पर कुछ स्पेशल फील कराना चाहते हैं तो आप अपनी बहन को स्पा पैकेज, अरोमा थैरेपी पैकेज और योग सेशन के लिए भी पैकेज दे सकते हैं। यह क्रिएटिव गिफ्ट आपकी बहन को पसंद तो आएगा ही साथ ही इससे वह काफी रिलेक्सिंग भी फील करेगी।ज्वेलरी
ज्वेलरी भी डिमांड में है। पतली रिंग्स, छोटे ईयररिंग, नोजपिन और ब्रेसलेट भी गिफ्ट कर सकते हैं। इसके लिए राखी के लिए कई तरह की ज्वेलरी लॉन्च की गई है। गोल्ड, डायमंड ज्वेलरी में बहनों की पसंद के अनुसार डिजाइन तैयार किए जा रहे हैं।सॉफ्ट टॉयज पर भाई बहन की फोटो
राखी पर भी भाई बहन की फोटो प्रिंट हो रही है। वहीं, पिलो पर इस बार थ्री डी प्रिंट छाए हुए हैं। आपको बता दें की टेडी वियर लड़कियों की खासी ज्यादा पसंद है।250 रुपए से 5 हजार तक के टेडी बीयर, पेयर टेडी और दूसरे सॉफ्ट टॉय पर फोटो प्रिंट कराई जा सकती है।To read this article in English click here