दशहरे का महत्व हम सबकी जिंदगी से जुड़ा है। जब भी आप अच्छे रास्ते पर चलते हो तो सारी दुनिया आपका फायदा उठाती है, कई कष्ट मिलते हैं आपके साथ कोई खड़ा नहीं होता, लेकिन एक वक्त ऐसा आता है जब आपकी जीत होती है और सब आपके साहस को सलाम करते हैं। तब जाकर बुराई पर अच्छाई की जीत होती है। रावण ने कई बुरे कार्य किये, महिषासुर ने अत्याचार किये। पहले तो इन्हें समझाया गया, फिर बदलने का मौका दिया गया, लेकिन जब पानी सिर से ऊपर हो गया तो सबक सिखाया गया। आज भी दशहरे के जरिये लोग बुराई को खत्म करने की प्रतिज्ञा लेते हैं। बुराई चाहे जैसी मर्जी हो। चाहे वो हमारे मन की हो या हमारे कर्म की। ऐसा कोई इंसान नहीं जिसमें की बुराई न हो। हर साल दशहरे पर एक बुरी आदत छोड़ने का संकल्प लें और फिर देखें की कुछ सालों बाद आपकी सारी बुराइयां खत्म हो जाएंगी।
दशहरे का महत्व
हिंदुओं में ये मान्यता है कि भगवान श्रीराम में एक अच्छे इंसान के सभी गुण थे जो कि किसी में हो सकते हैं। इसलिये दिवाली और दशहरा दोनो ही उनसे जुड़े हुए हैं। दशहरा के दिन उन्होंने रावण का वध किया था और दिवाली के दिन वो 14 साल का वनवास काट कर वापस अयोध्या लौटे थे। आज हम दशहरे में रावण का पुतला जलाकर अपने अंदर की बुराई को जलाकर श्रीराम के गुण लेने की चेष्ठा करते हैं। दशहरे के ही दिन मां दुर्गा ने नौ दिन की लड़ाई के बाद महिषासुर को मारा था। महिषासुर ने तीनो लोकों को जीत कर अत्याचार किए थे।
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