पितृ दोष होने के लक्षण
पितृ दोष होने का सटीक पता तो कुंडली देख कर ही चलता है, लेकिन कुछ लक्षण होते हैं जिनको देख कर समझ जाना चाहिए कि पितृ दोष है।-बीमारी रहना, स्वास्थ्य ठीक नहीं हो पाना
-शादी में रुकावट, संतान होने में रुकावट
-बार बार गर्भपात होना
-नौकरी नहीं मिलना
-घर में कलह, झगड़ा, दिमाग में अशांति
-पढ़ाई में बाधा, पैसों के लिये भटकना
-जिस काम में हाथ डालें वही ग़लत हो जाना
पितृ दोष होने के कारण
पितृ दोष का मुख्य कारण पितरों की आत्माओं की अशांति का होता है। इस अशांति के कई कारण हो सकते हैं जैसे,-पूर्वजों की कोई अधूरी इच्छा रह गई हो। कोई ऐसा बड़ा काम जो वो करना चाहते हों लेकिन पूरा नहीं हो पाया हो।
-अगर किसी को अपने पूर्वजों के बारे में याद ही ना हो। कभी श्राद्ध ही नहीं करता हो
-पूर्वजों के आगे बच्चों के किये हुए बुरे कर्म। अगर कोई रोज पाप करता है या बुरे काम करता है तो उनके पूर्वजों को दु:ख पहुंचता है।
-छोटी उम्र में ही किसी दुर्घटना में या अचानक मौत हो जाना
पितृ दोष निवारण उपाय
-गरीब, भिखारी, वृद्ध, कुत्ता, गाय को भोजन कराएं
-गरीबों को दान दें
-भगवान विष्णु की रोजाना पूजा करें
-अगर हो सके तो किसी ब्राह्मण कन्या का कन्या दान करें
-पीपल और बरगद के वृ्क्ष की पूजा करने से पितृ दोष की शान्ति होती है . या पीपल का पेड़ किसी नदी के किनारे लगायें और पूजा करें, इसके साथ ही सोमवती अमावस्या को दूध की खीर बना, पितरों को अर्पित करने से भी इस दोष में कमी होती है . या फिर प्रत्येक अमावस्या को एक ब्राह्मण को भोजन कराने व दक्षिणा वस्त्र भेंट करने से पितृ दोष कम होता
-सोमवार के दिन आक के 21 फूलों से भगवान शिव जी की पूजा करने से भी पितृ दोष का निवारण हो जाता है।
-अपने वंशजों से चांदी लेकर नदी में प्रवाहित करने तथा माता को सम्मान देने से परिजन दोष का समापन होता है।
परिवार के प्रत्येक सदस्य से धन एकत्र करके दान में देने तथा घर के निकट स्थित पीपल के पेड़ की श्रद्धापूर्वक देखभाल करने से गुरु दोष से छुटकारा मिलता है।
पितृ दोष को किस तरह से ठीक किया जाए वीडियो मे दखें
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